??????????
***|| जय श्री राधे ||***
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
****ll जय श्री राधे ll****
??????????
दिनाँक -:-02/03/2021,मंगलवार
चतुर्थी, कृष्ण पक्ष
फाल्गुन
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि ———-चतुर्थी 26:58:44 तक
पक्ष —————————-कृष्ण
नक्षत्र ———–चित्रा 27:27:58
योग ————-गण्ड 09:23:50
योग ————–वृद्वि 29:57:03
करण ————-बव 16:21:27
करण ———-बालव 26:58:44
वार ———————–मंगलवार
माह (पूर्णिमांत)———- फाल्गुन
चन्द्र राशि —–कन्या 16:28:36
चन्द्र राशि ———————तुला
सूर्य राशि ——————-कुम्भ
रितु ————————–शिशिर
आयन ——————–उत्तरायण
संवत्सर ———————–शार्वरी
संवत्सर (उत्तर)————- प्रमादी
विक्रम संवत —————-2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2077
शाका संवत —————-1942
वृन्दावन
सूर्योदय —————-06:43:50
सूर्यास्त —————–18:19:05
दिन काल ————-11:35:15
रात्री काल ————-12:23:43
चंद्रास्त —————-08:49:00
चंद्रोदय —————–21:37:56
लग्न —- कुम्भ 17°32′ , 317°32′
सूर्य नक्षत्र —————शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र ——————–चित्रा
नक्षत्र पाया ——————–रजत
??? पद, चरण ???
पे —-चित्रा 10:59:33
पो —-चित्रा 16:28:36
रा —-चित्रा 21:58:02
री —-चित्रा 27:27:58
??? ग्रह गोचर ???
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
========================
सूर्य= कुम्भ 17°52 ‘ शतभिषा, 4 सू
चन्द्र = कन्या 24°23 ‘ चित्रा , 1 पे
बुध = मकर 20°37’ श्रवण ‘ 4 खो
शुक्र= कुम्भ 11 ° 55, शतभिषा ‘ 2 सा
मंगल=वृषभ 04°30 ‘ कृतिका ‘ 3 उ
गुरु=मकर 22°22 ‘ श्रवण , 4 खो
शनि=मकर 13°43 ‘ श्रवण ‘ 2 खू
राहू=(व)वृषभ 21°40 ‘मृगशिरा , 4 वु
केतु=(व)वृश्चिक 21°40 ज्येष्ठा , 2 या
???शुभा$शुभ मुहूर्त???
राहू काल 15:25 – 16:52 अशुभ
यम घंटा 09:38 – 11:05 अशुभ
गुली काल 12:31 – 13:58 अशुभ
अभिजित 12:08 -12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 09:03 – 09:49 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:17 – 24:03* अशुभ
?चोघडिया, दिन
रोग 06:44 – 08:11 अशुभ
उद्वेग 08:11 – 09:38 अशुभ
चर 09:38 – 11:05 शुभ
लाभ 11:05 – 12:31 शुभ
अमृत 12:31 – 13:58 शुभ
काल 13:58 – 15:25 अशुभ
शुभ 15:25 – 16:52 शुभ
रोग 16:52 – 18:19 अशुभ
?चोघडिया, रात
काल 18:19 – 19:52 अशुभ
लाभ 19:52 – 21:25 शुभ
उद्वेग 21:25 – 22:58 अशुभ
शुभ 22:58 – 24:31* शुभ
अमृत 24:31* – 26:04* शुभ
चर 26:04* – 27:37* शुभ
रोग 27:37* – 29:10* अशुभ
काल 29:10* – 30:43* अशुभ
?होरा, दिन
मंगल 06:44 – 07:42
सूर्य 07:42 – 08:40
शुक्र 08:40 – 09:38
बुध 09:38 – 10:36
चन्द्र 10:36 – 11:34
शनि 11:34 – 12:31
बृहस्पति 12:31 – 13:29
मंगल 13:29 – 14:27
सूर्य 14:27 – 15:25
शुक्र 15:25 – 16:23
बुध 16:23 – 17:21
चन्द्र 17:21 – 18:19
?होरा, रात
शनि 18:19 – 19:21
बृहस्पति 19:21 – 20:23
मंगल 20:23 – 21:25
सूर्य 21:25 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:29
बुध 23:29 – 24:31
चन्द्र 24:31* – 25:33
शनि 25:33* – 26:35
बृहस्पति 26:35* – 27:37
मंगल 27:37* – 28:39
सूर्य 28:39* – 29:41
शुक्र 29:41* – 30:43
नोट— दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
?दिशा शूल ज्ञान———————उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 4 + 3 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
? शिव वास एवं फल -:
19 + 19 + 5 = 43 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
?भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
?? विशेष जानकारी ??
* चतुर्थी व्रत ,चंद्रोदय रात्रि 21:40 पर
* अंगारक चतुर्थी
??? शुभ विचार ???
क्रोधो वैवस्वतो राहा तृष्णा वैतरणी नदी ।
विद्या कामदुधा धेनुः सन्तोषो नन्दनंवनम् ।।
।।चा o नी o।।
क्रोध साक्षात् यम है. तृष्णा नरक की और ले जाने वाली वैतरणी है. ज्ञान कामधेनु है. संतोष ही तो नंदनवन है.
??? सुभाषितानि ???
गीता -: कर्मयोग अo-3
लोकेऽस्मिन्द्विविधा निष्ठा पुरा प्रोक्ता मयानघ ।,
ज्ञानयोगेन साङ्ख्यानां कर्मयोगेन योगिनाम् ॥,
श्रीभगवान बोले- हे निष्पाप! इस लोक में दो प्रकार की निष्ठा (साधन की परिपक्व अवस्था अर्थात पराकाष्ठा का नाम ‘निष्ठा’ है।,) मेरे द्वारा पहले कही गई है।, उनमें से सांख्य योगियों की निष्ठा तो ज्ञान योग से (माया से उत्पन्न हुए सम्पूर्ण गुण ही गुणों में बरतते हैं, ऐसे समझकर तथा मन, इन्द्रिय और शरीर द्वारा होने वाली सम्पूर्ण क्रियाओं में कर्तापन के अभिमान से रहित होकर सर्वव्यापी सच्चिदानंदघन परमात्मा में एकीभाव से स्थित रहने का नाम ‘ज्ञान योग’ है, इसी को ‘संन्यास’, ‘सांख्ययोग’ आदि नामों से कहा गया है।,) और योगियों की निष्ठा कर्मयोग से (फल और आसक्ति को त्यागकर भगवदाज्ञानुसार केवल भगवदर्थ समत्व बुद्धि से कर्म करने का नाम ‘निष्काम कर्मयोग’ है, इसी को ‘समत्वयोग’, ‘बुद्धियोग’, ‘कर्मयोग’, ‘तदर्थकर्म’, ‘मदर्थकर्म’, ‘मत्कर्म’ आदि नामों से कहा गया है।,) होती है॥,3॥,
?? दैनिक राशिफल ??
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
?मेष
पुराने संगी-साथियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। परिश्रम का पूरा परिणाम मिलेगा। अच्छी व सुखद स्थितियाँ निर्मित होंगी। विरोधी आपकी छवि खराब करने का प्रयास कर सकते हैं। व्यावसायिक सफलता से मनोबल बढ़ेगा।
?वृष
शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है। भागदौड़ रहेगी। घर-परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। राजकीय सहयोग मिलेगा। कार्यकुशलता सहयोग से लाभान्वित होंगे। काम में मन लगेगा। स्वयं का सोच अनुकूल रहेगा। रिश्तेदारों से संबंधों की मर्यादा बनाए रखें।
?मिथुन
प्रयास सफल रहेंगे। प्रशंसा प्राप्त होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। लाभ होगा। व्यवसाय अच्छा चलेगा। कार्य क्षेत्र में नई योजनाओं से लाभ होगा। लगन, मेहनत का उचित फल मिल सकेगा। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें। विवाद सुलझेंगे।
?कर्क
भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। रोजगार मिलेगा। संतान के स्वास्थ्य में सुधार होगा। सोचे कामों में मनचाही सफलता मिलेगी। व्यापारिक निर्णय समय पर लेना होंगे। पुरानी बीमारी उभर सकती है। चोट व रोग से बाधा संभव है। बेचैनी रहेगी।
?सिंह
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग को सफलता मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। नए कार्यों, योजनाओं की चर्चा होगी। लाभदायी समाचार आएँगे। समाज में आपके कार्यों की प्रशंसा होगी। साहस, पराक्रम बढ़ेगा। विश्वासप्रद माहौल रहेगा।
?♀️कन्या
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। यात्रा सफल रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। कानूनी बाधा दूर होकर लाभ होगा। पूँजी निवेश बढ़ेगा। पहले किए गए कार्यों का लाभदायी फल आज मिल सकेगा। संतान के कामों से खुशी होगी। व्यापार-व्यवसाय में तरक्की होगी।
⚖️तुला
पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। धैर्य रखें। अस्वस्थता बनी रहेगी। खुद के प्रयत्नों से ही जनप्रियता एवं सम्मान मिलेगा। रोजगार के क्षेत्र में संभावनाएँ बढ़ेंगी। स्थायी संपत्ति संबंधी खटपट हो सकती है।
?वृश्चिक
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। परिवार की स्थिति अच्छी रहेगी। रचनात्मक काम करेंगे। कर्मचारियों पर निगाह रखें। परिवार की समस्या का उचित समाधान होगा।
?धनु
घर-बाहर तनाव रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। जल्दबाजी न करें। नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। किसी मामले में कटु अनुभव मिल सकते हैं। सरकारी, कानूनी विवाद सुलझेंगे। जोखिम, लोभ, लालच से बचें। नया काम, व्यवसाय आदि की बात बनेगी।
?मकर
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। आपसी मतभेद, मनमुटाव बढ़ेगा। किसी से मदद की उम्मीद नहीं रहेगी। आर्थिक समस्या बनी रहेगी। व्यसनाधीनता से बचें। व्यापार, रोजगार मध्यम रहेगा। विवाद से क्लेश होगा। शारीरिक कष्ट संभव है।
?कुंभ
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवाद न करें। नौकरी करने वालों को ऐच्छिक स्थानांतरण एवं पदोन्नति मिलने की संभावना है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें।
?मीन
फालतू खर्च होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन मुलाकातों से लाभ होगा। आमदनी बढ़ेगी। रुका धन मिलने से निवेश में वृद्धि होने के योग हैं। उदर संबंधी विकार हो सकते हैं।
?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599
Comments are closed.