पाकिस्तान में चीनी 100 रुपये किलो क्यों बिक रही है जानिए ?

अब भी देश के विभिन्न हिस्सों में चीनी की क़ीमत 95 रुपये से 100 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो पिछले साल नवंबर और दिसंबर में 80 रुपये प्रति किलोग्राम थी गृह मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार शहज़ाद अकबर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीनी की बढ़ती क़ीमतों को ‘सटोरियों का काम’ बताया है और कहा है कि सट्टेबाज़ कृत्रिम रूप से चीनी की क़ीमत बढ़ाते हैं

उन्होंने कहा कि संघीय जांच एजेंसी (एफ़आईए) ने इन सटोरियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है. कार्रवाई में मिले रिकॉर्ड से पता चला है कि सटोरियों ने चीनी की क़ीमत कृत्रिम रूप से बढ़ाई है खाद्य पदार्थ के क्षेत्र से जुड़े लोगों और विशेषज्ञों ने चीनी के व्यापार में सटोरियों के शामिल होने की पुष्टि की है  उन्होंने कहा है कि चीनी की आपूर्ति, मांग और क़ीमतों में उतार-चढ़ाव, सट्टेबाज़ी के कारण होता है  उन्होंने कहा कि इसमें दो प्रकार की बाज़ार की ताक़तें भूमिका निभाती हैं एक मार्केट फ़ोर्स आपूर्ति और मांग के आधार पर काम करती है

दूसरे किस्म की ताक़तें कृत्रिम संकट पैदा करती हैं, जो अटकलों और अफ़वाहों के आधार पर कृत्रिम रूप से कीमतों में वृद्धि करके अनुचित लाभ कमाते हैं.विशेषज्ञों का कहना है कि सट्टेबाज़ अटकलबाज़ी से चीनी की क़ीमतों को कृत्रिम रूप से बढ़ाते हैं ये सट्टेबाज़ तय करते हैं कि अगर आज चीनी की क़ीमत 80 रुपये प्रति किलोग्राम है, तो इसे अगले महीने 90 रुपये तक बढ़ाना है, जिसके लिए वो एक कृत्रिम संकट पैदा करते हैं

चीनी के व्यापार से जुड़े व्यापारी वहीद मेमन ने कहा कि यह सट्टा दो तरह से खेला जाता पहला तो ये कि सट्टेबाज़ शुगर मिल से, ये तय करके बयाना देते हैं कि वो आने वाले समय में डिलीवरी उठा लेंगे दूसरा तरीक़ा ये है कि चीनी के व्यापारी आपस में तय करके चीनी का सौदा कर लेते हैं, जिसमें न बयाना शामिल होता है और न ही फिज़िकली चीनी की डिलीवरी होती है

वहीद ने कहा कि अगर बाज़ार में चीनी की मौजूदा क़ीमत 90 रुपये प्रति किलोग्राम है, तो सट्टेबाज़ ऊंची क़ीमत पर भविष्य के सौदे करना शुरू कर देते हैं  चीनी मिलें भी अधिक क़ीमत पर ये सौदा करती हैं, लेकिन इसमें चीनी की फिज़िकली डिलीवरी नहीं होती है

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More