उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन आज, दो बार निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे वसीम रिजवी

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए शनिवार को नामांकन होगा। वक्फ बोर्ड अध्यक्ष पद पर लगातार तीन बार से काबिज वसीम रिजवी की राह इस बार आसान नहीं मानी जा रही है। इसका कारण उनके द्वारा पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई विवादित याचिका थी। इसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खारिज किया जा चुका है।

वसीम रिजवी दो बार निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे। मगर, उनकी विवादित याचिका के बाद राजनीतिक परिस्थितियां काफी बदल चुकी हैंं। बोर्ड में उनके द्वारा बनाए गए सदस्य जिनके बूते वह दो बार निर्विरोध जीतते आए थे। इस बार उनके खिलाफ हो गए हैं। वह उन्हेें शायद ही वोट दें, इसके अलावा अध्यक्ष पद के लिए इस बार वसीम के खिलाफ कई दावेदार मैदान में उतरने को तैयार हैं। शनिवार को नामांकन होने के बाद सारे पत्ते खुलकर सामने आ जाएंगे।

उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के लगातार तीन बार से अध्यक्ष वसीम रिजवी की राह इस बार यूं ही आसान नहीं मानी जा रही है। इसके पीछे उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कुरान करीम की आयतों को हटाने से संबंधित विवादित याचिका दायर करना है। इस याचिका को खारिज किया जा चुका है। दरअसल शिया वक्फ बोर्ड में कुल 38 सदस्य हैं। उनके द्वारा दिए जाने वाले वोट यह तय करते हैं बोर्ड अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन बैठेगा। इस बार अधिकांश सदस्य उनके खिलाफ हैं। शिया वक्फ बोर्ड में दो खेमे माने जाते हैं। एक खेमा वसीम रिजवी और दूसरा शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद का है।

माना जा रहा है कि इस बार बोर्ड अध्यक्ष पद के लिए में वसीम रिजवी को कल्बे जव्वाद खेमे से कड़ी टक्कर मिलेगी। बोर्ड के वर्तमान में 36 वोटरों में सबसे ज्यादा वोटर लखनऊ से आते हैं। इन सभी पर शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद की अच्छी पकड़ मानी जाती है। जबकि तीन वोटर आगरा के हैं। इनमें से एक जफर रिजवी भी वसीम रिजवी के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

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