अब बच्चों पर मंडरा रहा कोरोना का संकट, उत्तराखंड में 20 दिनों के अंदर 1. 22 लाख से अधिक बच्चे पाए गए संक्रमित, जाने अन्य राज्यों का हाल

आर जे न्यूज़

कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच उत्तराखंड में पिछले बीस दिनों में 2044 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। शनिवार की शाम को जारी हेल्थ बुलेटिन से इस बात की पुष्टि हुई है। एक से 20 मई तक नौ साल से कम उम्र के 2044 बच्चे और 10 से 19 साल तक के आयु वर्ग में 8661 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। और इन बीस दिनों में राज्य में 1,22,949 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

घट रहे संक्रमित मामले, बढ़ रहे ठीक होने वाले मरीज

प्रदेश में पिछले चार दिनों से कोरोना संक्रमित मामले कमी आ रही है। जबकि रिकवरी दर में दोगुनी बढ़ोतरी हो रही है। वहीं कोरोना मरीजों की मौत भी कम हो रही हैं। बीते 24 घंटे में 64 मरीजों की मौत और 2903 संक्रमित मामले मिले हैं। 8164 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। कुल संक्रमितों की संख्या 310469 हो गई है।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शनिवार को 13 जनपदों में 2903 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। 24 घंटे में 64 कोरोना मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ा है। वहीं, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़ जिले में विभिन्न अस्पतालों ने कई दिन पहले हुई कुल 70 कोरोना मरीजों की डेथ आडिट रिपोर्ट दी है।

इन्हें मिलाकर अब तक 5734 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। प्रदेेश में संक्रमित मामलों में कमी आने और रिकवरी दर बढ़ाने के बाद भी मृत्यु दर में बढ़ रही है। वर्तमान में प्रदेेश की मृत्यु दर 1.85 प्रतिशत है। जो राष्ट्रीय औसत दर से 65 प्रतिशत अधिक है।

देहरादून जिले में 610 कोरोना मरीज मिले हैं। हरिद्वार में 465, टिहरी में 281, पौड़ी में 297, नैनीताल में 256, अल्मोड़ा में 221, ऊधमसिंह नगर में 183, चमोली में 160, रुद्रप्रयाग में 131, पिथौरागढ़ में 112, चंपावत में 89, बागेश्वर जिले में 40 संक्रमित मिले हैं। संक्रमितों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने से सक्रिय मामले कम हो रहे हैं। वर्तमान में 57929 सक्रिय मरीजों का अस्पताल व होम आइसोलेशन में उपचार किया जा रहा है।

तीसरी लहर की तैयारी धरातल पर उतारी जाए बच्चों पर हो फोकस
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को कोविड महामारी में अपने माता-पिता या परिवार के मुखिया को खो चुके बच्चों की सहायता के लिए विशेष योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने ऐसे बच्चों का जल्द चिन्हीकरण करने को भी कहा। वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारियों व जिलाधिकारियों के साथ कोविड की रोकथाम एवं बचाव प्रबंधन की समीक्षा कर रहे थे।

जल्द जमीन पर उतारे तीसरी लहर की तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर के लिए तैयारियों को शीघ्रता से धरातल पर लागू किया जाए। तीसरी लहर में बच्चों पर फोकस करना है। जिला व ब्लॉक स्तर तक इसकी मैपिंग हो। इसमें किसी तरह की कोई कमी न हो। जिलाधिकारी ग्रामवार इसकी पूरी प्लानिंग रखें। फील्ड में काम करने वालों को मालूम होना चाहिए कि किसी तरह की परिस्थिति में उन्हें क्या करना है।

मामले कम पर कोई ढिलाई न हो
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोविड के मामलों में कमी देखने को मिल रही है। फिर भी हमें पूरी तरह से सावधान रहना है। किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कालाबाजारी को रोकने के लिए लगातार जरूरी कार्रवाई की जाएं। ई-संजीवनी का अच्छा रेस्पोंस मिल रहा है। इसे और अधिक सुदृढ़ और प्रचारित किया जाए।

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