शुभेंदु की मौजूदगी पर बिफरीं ममता, पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में उठाया सवाल

आर जे न्यूज़

बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान यास अब थम चुका है, लेकिन इसका सियासी असर बंगाल की राजनीति पर दिख रहा है। बंगाल की ममता बनर्जी और केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को लेकर आमने-सामने हैं। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय सोमवार यानी आज सुबह 10 बजे दिल्ली आकर रिपोर्ट करना था, लेकिन ममता सरकार ने उन्हें रिलीव नहीं किया। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया। ममता बनर्जी ने मोदी को भेजे पत्र में कहा कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान हूं। केंद्र का आदेश एकतरफा है।अधिकारियों के सेवा के नियमों का उल्ल्घंन है। इसे लेकर राज्य सरकार से पहले कोई बात नहीं हुई।

ममता ने कहा- यह आदेश एकतरफा है
ममता ने पत्र में कहा कि कोरोना संकट के इस मुश्किल वक्त में अपने मुख्य सचिव को रिलीव नहीं कर सकती है। मुख्य सचिव को 24 मई को सेवा विस्तार की अनुमति देने और चार दिन बाद के आपके एकपक्षीय आदेश के बीच आखिर क्या हुआ, यह बात समझ में नहीं आई। ममता ने कहा कि यह एकतरफा आदेश कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला, ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व तथा पूरी तरह से असंवैधानिक है। ममता ने कहा, “मुझे आशा है कि नवीनतम आदेश (मुख्य सचिव का तबादला दिल्ली करने का) और कलईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि संघीय सहयोग, अखिल भारतीय सेवा तथा इसके लिए बनाए गए |

कानूनों के वैधानिक ढांचे का आधार स्तंभ है।” ममता ने अनुरोध किया कि केंद्र ने राज्य सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद मुख्य सचिव का कार्यकाल एक जून से अगले तीन महीने के लिए बढ़ाने जो आदेश दिया था, उसे ही प्रभावी माना जाए। बनर्जी ने कहा, मैं सिर्फ आपसे बात करना चाहती थी,प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच आमतौर पर जिस तरह से बैठक होती है उसी तरह से, लेकिन आपने अपने दल के एक स्थानीय विधायक को भी इस दौरान बुला लिया, जबकि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की बैठक में उपस्थित रहने का उनका कोई मतलब नहीं है।

केंद्र के आदेश के मुताबिक, बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को सोमवार दिल्ली में केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के दफ्तर  में हाजिर होना था, लेकिन ममता बनर्जी सरकार के मुख्य सचिव कोलकाता में ही मौजूद हैं। बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्य रविवार देर शाम पश्चिम बंगाल के सचिवालय में बैठक कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक, कोलकाता के नबन्ना इलाके में बने सचिवालय में अलपन बंद्योपाध्याय के साथ उनकी पत्नी भी मौजूद थीं।

यह राज्य सरकारों से लड़ने का समय नहीं : केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि यह समय राज्य सरकारों से लड़ने का नहीं बल्कि कोरोना वायरस से मिलकर निपटने का है। केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय का केंद्र द्वारा अचानक तबादला करने की खबरों मद्देनजर यह बयान दिया।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ”यह समय राज्य सरकारों से लड़ने का नहीं है, सबके साथ मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने का है। यह समय राज्य सरकारों की मदद करने का है, उन्हें टीके उपलब्ध कराने का है। यह सभी राज्य सरकारों को साथ लेकर टीम इंडिया बनकर काम करने का समय है। लड़ाई-झगड़े और राजनीति करने के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है।”

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