भारतीय सैनिकों के आगे ठन्डे पड़े चीनी सैनिक, 90 प्रतिशत वापस लौटे चीनी जवान

आर जे न्यूज़

लद्दाख के पैंगोंग झील क्षेत्र में हार कपाने वाली ठंड में भारतीय सैनिकों से भिड़ने आने आए चीनी सैनिकों को उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा।  पूर्वी लद्दाख सेक्टर स्थित एलएसी के आसपास बड़ी संख्या में चीन ने अपने सैनिकों की तैनाती की थी, लेकिन इलाके में पड़ रही अत्यधिक ठंड की स्थिति का सामने करने में सैनिक सक्षम नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 90 प्रतिशत जवान वापस लौट गए हैं। उनकी जगह दूसरे जवानों को तैनात किया गया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक चीन ने पिछले एक साल से वहां तैनात सैनिकों को बदला है और उनकी जगह नए सैनिकों को तैनात किया है। इलाके में पड़ती कड़ाके की ठंड की वजह से उनके करीब 90 प्रतिशत सैनिकों को रोटेट किया गया है।

ज्यादा ठंड की वजह से सैनिकों का रोटेशन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सैनिकों का रोटेशन ज्यादा ठंड और अन्य संबंधित परेशानियों की वजह से हुई है। सूत्रों की मानें तो ड्रैगन की सैनिकों में इतनी ठंड झेल पाने पाने की स्थिति नहीं है, कड़कड़ाती ठंड के कारण चीनी सेना बुरी तरह प्रभावित हुई है। सूत्रों ने बताया कि पैंगोंग झील क्षेत्र में फ्रिक्शन पॉइंट पर तैनाती के दौरान भी चीनी सैनिकों को ऊंचाई वाले चौकियों पर रोजाना बदला जा रहा था। इससे भी उनकी आवाजाही बहुत प्रतिबंधित हुई थी।

भारतीय सेना भी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दो साल के लिए सैनिकों की करती है तैनाती
दरअसल, भारतीय सेना ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दो साल के कार्यकाल के लिए अपने सैनिकों को तैनात करती है। हर साल भारतीय सेना करीब 40-50 प्रतिशत सैनिकों को आंतरिक इलाकों से ऊपरी इलाकों में भेजती है। इन परिस्थितियों में आईटीबीपी के जवानों का कार्यकाल कभी-कभी दो साल से भी ज्यादा लंबा होता है।

पिछले साल दोनों देशों के सैनिक आपस में भिड़ गए थे
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में पिछले साल उपजे सीमा विवाद को लेकर दोनों सैनिक आमने-सामने हो गए थे। 45 साल में पहली बार दोनों देशों के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी, इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए, वहीं 45 चीनी सैनिकों की मौत हो गई थी, हालांकि इसके भारत और चीन सेना की बीच हुई वार्ताओं के बाद मामला शांत हुआ और दोनों देश अपने-अपने पोजिशन पर पहुंचे थे। दोनों देशों की सेनाओं के बीच अब तक 11 दौर की वार्ताएं हुई थीं।

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