नोएडा : सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी बने मूकदर्शक, मेडिकल स्टाफ के लोगों की देखते रहे हरकत

आर जे न्यूज़

नोएडा के सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर की सुविधा पाना भी आसान नहीं है। यदि किसी मरीज को व्हीलचेयर या स्ट्रेचर चाहिए तो पहले विभाग में उसका या उसके तीमारदार का आधार कार्ड जमा कराइए। वहीं, आधार कार्ड नहीं है तो फिर चाहे मरीज को घसीटकर ले जाओ या फिर उसे कंधों का सहारा देकर ले जाओ, लेकिन स्ट्रेचर या व्हीलचेयर नहीं मिलेगी।

शनिवार को भी जिला अस्पताल में कई मरीज और उनके तीमारदार मेडिकल स्टाफ के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन आधारकार्ड नहीं होने के कारण उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला। एक मरीज को तो परिजन कंधे का सहारा देकर अस्पताल से लेकर आए, उस समय सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी वहां मौजूद थे पर वह भी मूकदर्शक बने रहे।

सेक्टर-117 से आए ब्रह्मपाल ने बताया कि काफी देर तक स्ट्रेचर के लिए भटकते रहे, लेकिन नहीं मिला। जब वो मरीज को इमरजेंसी वार्ड के अंदर लेकर पहुंचे तो वहां ढेर सारे स्ट्रेचर रखे थे। वहीं, सुमन नामक महिला ने बताया कि वो काफी देर तक स्ट्रेचर के लिए भटकती रही। जब उनका मरीज बिल्कुल नहीं चल पाया तो कई लोगों से पूछने के बाद अंदर पहुंची।

वहां तैनात सुरक्षाकर्मी ने कहा कि पहले आधारकार्ड लाओ, उसके बाद स्ट्रेचर मिलेगी। उसने बहुत मिन्नत की कि आधारकार्ड या कोई अन्य आईडी नहीं है। वहीं, मरीज ऐसी हालत में नहीं है कि खुद अपने पैरों पर चल सके। इसके बावजूद सुरक्षाकर्मी नहीं मानी। हालांकि, जब वहां कुछ मीडियाकर्मी पहुंचे तो सुरक्षाकर्मी ने चुपचाप सुमन को स्ट्रेचर दे दी।

स्वास्थ्य केंद्र में घूम रहे लावारिस पशु
बरौला स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को जब अमर उजाला की टीम ने जायजा लिया तो अंदर लावारिस पशु घूमते मिले। वहीं गेट के सामने अतिक्रमण था। स्वास्थ्य केंद्र के पुराने भवन में तो रिक्शा और ठेलों का जमावड़ा देखने को मिला। वहीं, केंद्र में बड़ी-बड़ी घास उगी थी और जगह-जगह कूडे़ के ढेर भी लगे हुए थे। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। केंद्रों में साफ-सफाई नहीं होने से संक्रमण का खतरा बना रहता है। इसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More