जंगल से भटक कर टेदुआ घुसा गांव में तीन व्यक्तियों को किया घायल

महाराजगंज। निचलौल थाना के अंतर्गत ग्राम सभा शिवपुर मैं आज सुबह करीब 5:30 बजे जंगल से भटक कर एक तेंदुआ गांव में आ घुसा तेंदुआ को देखकर गांव मे हड़कंप मच गया लोग इधर-उधर भागकर छिपने लगे लोगो की सोर सराबा सुनकर गांव के तीन लोगो पर तेंदुआ एक के बाद एक पर हमला करता गया जिससे तीनो आदमी घायल हो गए

इसके बाद ग्रामीणों ने तेंदुआ को घेर कर मार डाला जिसकी सुचना किसी ने वन बिभाग को दिया वन बिभाग की टीम तेंदुए का शव अपने कब्जे मे लेकर निचलौल रेंज पर ले आई उधर घायलों को उपचार के लिए स्वास्थ केंद्र निचलौल लाया गया जहाँ घायलों का इलाज चल रहा है यहां पर हमेशा ऐसी घटना होती रहती है जंगल गांव के नजदीक होने के कारण तेंदुआ हमेशा गांव के तरफ भटक कर आ जाते है ज़ब तक जंगल के चारो तरफ कटैला तार से बंदिश नहीं होगा तब तक ऐसी घटना होती रहेंगी।

नदिया उफनाई, कई गांवों का संपर्क मार्ग टूटा

ठूठीबारी/महराजगंज। पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ों व भारतीय क्षेत्रों में विगत तीन दिन से अनवरत भारी बारिश होने से सीमाई क्षेत्र के चंदन, झरही नदी व भौरहिया नाला अपने खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं कई जगह से बांधो के टूटने की भी खबर आ रही है जिसके कारण बाढ़ का पानी गांवों में तबाही मचा रहा है।

ठूठीबारी कोतवाली क्षेत्र के सीमावर्ती गांव लक्ष्मीपुर खुर्द में बाढ़ जैसे हालत हो गए है, हर तरफ सिर्फ जलप्रलय दिख रहा है। जलस्तर बढ़ने से गांव के साथ पुलिस चौकी में भी पानी घुस गया। सड़को पर बाढ़ का पानी कई फ़ीट ऊपर बहता हुआ दिख रहा है। इस संबंध में लक्ष्मीपुर चौकी इंचार्ज नीरज राय ने बताया कि पानी चौकी के अंदर आने के वजह से आवश्यक सामानों को साथ लेकर सभी पुलिसकर्मी सुरक्षित दूसरे स्थान पर आ गए है, साथ ही ग्रामीणों को सचेत रहने की हिदायत दी गयी है।

Tedua entered the village after wandering from the forest, injured three people

सीमावर्ती क्षेत्र के आबादी वाले गांवों जैसे लक्ष्मीपुर खुर्द सहित चटिया, तुरकहिया उर्फ माधवनगर, भरवलिया, लालपुर सहित कई अन्य गांवों का संपर्क मार्ग पूरी तरह से कट गया है। जिसके कारण लोग घरों में रहने को मजबूर हो गए है।लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है और उसने गांव को अपने आगोश में ले लिया है। हालत यह है कि गांव के लोग पलायन को मजबूर हो रहे है क्योंकि बाढ़ के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे है।

ग्रामीणों को कहना है कि गांव वाले कई दशकों से बाढ़ का दंश झेल रहे है, जगह जगह बांध कटे हुए है जिसकी सूचना उच्चाधिकारियों को कई बार दी जा चुकी है लेकिन उनके द्वारा अब तक बाढ़ के पानी को रोकने का कोई भी उचित प्रबंध नही किया गया। जिसकी वजह से सैकड़ो एकड़ फसल बर्बाद हो जाता है, और बाढ़ मुआवजे के नाम पर सिर्फ झुनझुना थमा दिया जाता है।

 

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