पंजाब : कांग्रेसी फार्मूले से खुश नहीं नवजोत सिंह सिद्धू

पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी के एडजस्टमेंट के फार्मूले को नकार दिया है। अक्सर कैप्टन का विरोध करने वाले सिद्धू ने कांग्रेस विधायकों के बेटों की दी गई सरकारी नौकरी का भी विरोध किया है। यहां दैनिक जागरण के साथ बातचीत में सिद्धू ने कहा कि उन्हें सरकार में डिप्टी सीएम या फिर पार्टी में ऊंचे ओहदे की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा ‘मुझे अपना स्टैंड खत्म करने के लिए चाय या लंच पर बुलाया जाता रहा, लेकिन मैं इसे ठुकरा चुका हूं। मैं तो मंत्री पद, बेटे को मिले एडिशनल एडवोकेट जनरल के पद और पत्नी को एक विभाग की चेयरपर्सनशिप का आफर नकार चुका हूं। मैं चाहता हूं कि पार्टी और सरकार की साख बढ़े। यह तभी संभव है जब सरकार बेअदबी, नशे, केबल, माइनिंग, बेरोजगारी आदि के मुद्दों का निपटारा कर देगी।’सिद्धू ने सरकार की ओर से दो विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरी देने के फैसले का भी विरोध करते हुए कहा कि अनुकंपा के आधार पर यह नौकरी संविधान और मर्यादा के खिलाफ हैं।

मेरिट का ध्यान रखे बिना इस बात को भी नजरअंदाज किया गया कि क्या करोड़ों की संपत्ति के मालिक लोगों को भी नौकरी की जरूरत है? सरकार ने यह फैसला कुर्सी बचाने और स्वार्थों की पूर्ति के लिए किया है।पंजाब कांग्रेस के अंतर्कलह के बीच केंद्रीय कमेटी के साथ मुलाकात के बाद सिद्धू ने अपनी चुप्पी पर कहा कि मैं पार्टी के अनुशासन के साथ जुड़ा हूं।

अगर जरूरत होगी तो निश्चित रूप से अपने विचार सार्वजनिक करुंगा। सिद्धू ने कहा कि शतरंज की बिसात में प्यादा तो प्यादा ही रहता है। वह प्यादे हैं और हाईकमान के आदेश का पालन करेंगे।- आगे भी जाने न तू, पीछे भी जाने न तू पंजाब का कैप्टन कौन है? इस सवाल का जवाब सिद्धू गोलमोल कर गए। अगले चुनाव में कैप्टन के नेतृत्व और उनसे तालमेल के सवाल पर सिद्धू ने शायराना अंदाज में फिल्मी गा दिया, आगे भी जाने न तू, पीछे भी जाने न तू

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