मध्य प्रदेश : कोरोना को लेकर सरकार हुई सख्त, तीसरी लहर से बचाव की तैयारियां की शुरू

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर अभी थमी भी नहीं है कि अगस्त या सितंबर में तीसरी लहर आने को लेकर चेतावनी दी जा रही हैं। कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के सबसे अधिक संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में सभी राज्य कोविड की तीसरी लहर से निपटने के लिए हरसंभव तैयारी करने में जुटे हैं। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी महामारी के कहर को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव तैयारी की जा रही है। अस्पतालों में भर्ती होने वाले बच्चों के परिजनों के रुकने के लिए भी अस्पतालों में बंदोबस्त किए जा रहे हैं।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रशासन की ओर से सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन बेड समेत अन्य सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। प्रशासन की ओर से बच्चों के अस्पतालों में विशेष रूप से ऑक्सीजन बेड समेत सभी जरूरी सुविधाओं को बेहतर किए जाने पर जोर दिया जा रहा है।

चिकित्सा एवं शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने शुक्रवार को शहर के निजी अस्पताल संचालकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक की। इस दौरान, विश्वास सारंग ने अस्पतालों में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाकर दोगुनी करने पर जोर दिया गया। उन्होंने अस्पतालों से ये भी पूछा कि उनकी सरकार से क्या अपेक्षा है? बता दें कि कोविड महामारी की तीसरी लहर के दौरान संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आने वाले प्रोटोकॉल के संबंध में निजी अस्पतालों के डॉक्टर समेत अन्य स्टाफ को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी हमीदिया के डॉक्टरों की होगी।

दूसरी लहर में कम पड़ गए थे बेड

प्रदेश की राजधानी के हमीदिया अस्पताल ने 320 बेड बढ़ाने की तैयारी की है। इसमें  220 आईसीयू/एचडीयू बेड, 50 पीआईसीयू/एसएनसीयू और 50 सामान्य बेड शामिल हैं।
बता दें कि फिलहाल यहां 680 बेड हैं, जो बढ़कर 1000 हो जाएंगे। इसके लिए 4.82 करोड़ रुपये की कीमत की मशीन व दूसरे चिकित्सा उपकरणों को खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो गई। बेड बढ़ने पर 123 डॉक्टर समेत 825 और स्वास्थ्यकर्मियों की जरूरत होगी। भोपाल के सरकारी और निजी अस्पतालों में 3800 से भी ज्यादा ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं, लेकिन दूसरी लहर में यह बेड कम पड़ गए थे।हमीदिया के अलावा प्रदेश के अन्य अस्पतालों में भी इसी तरह की तैयारियों पर जोर दिया जा रहा है।

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