भाजपा का सपा-बसपा पर हमला, सपा ने आतंकवादियो की मदद की तो वही बसपा करती है तुष्टीकरण की राजनीति

उत्तर-प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के 2 कथित आतंकियों को सोमवार को पुलिस की 14 दिनों की रिमांड में भेज दिया गया है। एक तरफ एटीएस लगातार आतंक के तारों को जोड़ने की कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में इसी मसले को लेकर सियासत चरम पर है। एक तरफ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एटीएस की कार्रवाई पर शक जताया है तो दूसरी ओर मायावती ने भी ट्वीट कर ATS के ऑपरेशन अलकायदा पर सवाल उठाए हैं। अब जवाब में बीजेपी ने भी अखिलेश पर आतंकियों का रहनुमा होने का आरोप लगा दिया है। जाहिर है आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए आतंकियों की गिरफ्तारी को सियासी रंग दिया जा रहा है।

तुष्टिकरण नही, राष्ट्रवाद की राजनीति करती है बीजेपी- सिद्धार्थनाथ सिंह

अखिलेश यादव और मायावती के सवालों पर बीजेपी बेहद अक्रामकता के साथ जवाब देने में जुट गई है। पार्टी ने इसे राष्ट्वाद से जोड़ दिया है। सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने तो अखिलेश यादव पर मासूमों का खून बहाने वाले आतंकवादियों की मदद का आरोप लगाया है। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि ये वही अखिलेश यादव है जिन्होने अपनी यूपी में सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों के मुकदमें वापस ले लिए थे। 2013 में अखिलेश सरकार में कुल 7 जनपदों में खूंखार आतंकियों पर दर्ज कुल 14 मामलों मुकदमें वापस हुए थे।

दस्तावेज से खुलासा – अखिलेश सरकार ने की थी आतंकियों की मदद

उत्तर-प्रदेश में 7 मार्च 2006 को वाराणसी के संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर सीरियल ब्लास्ट हुए थे। तब इसे आतंकी हमला बताया गया था। इस सीरियल ब्लास्ट में 18 लोग मारे गए थे और कई दर्जन घायल हो गए थे। आरोप है कि यूपी में सत्ता संभाने के बाद अखिलेश यादव की सरकार आतंकवादियों पर लगे मुकदमे वापस कर जेल से छोड़ने के अभियान में जुट गई और साल 2013 में वाराणसी के 1, गोरखपुर के 1, बिजनौर के 1, लखनऊ के 8, कानपुर नगर के 3, रामपुर के एक और बारांबकी के 1 खूंखार आतंकियों के मुकदमों को वापस लिया गया।

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