58 हजार पंचायत सहायकों की भर्ती को लेकर यूपी सरकार सख्त, अब प्रधान अपने रिश्तेदारों को नहीं कर पाएंगे नियुक्त

पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने कहां है कि उत्तर प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों में 58 हजार से अधिक पंचायत सहायकों की भर्ती करेगी। वह लोक भवन में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि प्रधान अपने परिवार व रिश्तेदारों को नहीं रख पाएंगे जिस जाति की आरक्षित ग्राम पंचायत होगी, उसी जाति का पंचायत सहायक होगा। उन्होंने कहा कि चयन के लिए हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अंकों के आधार पर मेरिट बनेगी। सर्वश्रेष्ठ मेरिट वाले का चयन किया जाएगा।

इन पदों पर ग्राम पंचायत के लोग ही चयनित हो सकेंगे। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और निदेशक पंचायतीराज किंजल सिंह उपस्थित थे।

दरअसल, प्रदेश सरकार यूपी विधानसभा चुनाव से पहले एक लाख से अधिक पदों पर लोगों को रोजगार देने के लिए काम कर रही है। प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षित युवा बेरोजगार है। कोरोना काल में रोजगार छीनने से भी बेरोजगारी बढ़ी है।

वहीं संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान अन्य प्रदेशों से भी अपने गांव लौटकर आए प्रवासी श्रमिकों में से हजारों श्रमिक भी तीसरी लहर के भय से अभी वापस नहीं लौटे है। सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों, महिलाओं और अर्द्धकुशल श्रमिक स्तर के लोगों को गांवों में ही रोजगार मुहैया कराने के लिए कुछ विभागों में मानदेय पर भर्तियां शुरू की है।

ते दिनों कैबिनेट ने 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में हर ग्राम पंचायत में एक पंचायत सचिव कम अकाउंटेंट नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। प्रत्येक पंचायत सचिव को छह हजार रुपये महीने मानदेय दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसकी प्रक्रिया छह महीने में पूरी करने के निर्देश दिए हैं, लिहाजा चुनाव से पहले गांवों में 58 हजार से अधिक युवाओं को मानदेय पर रोजगार मिल जाएगा।

इसी तरह, प्रदेश में मनरेगा में कामकाज के पर्यवेक्षण के लिए 22 हजार से अधिक महिला मेट की नियुक्ति की जाएगी।

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