लखनऊ : अब गाड़ी चलाने वालों को मानाने होंगे ये 3 जरुरी नियम, नहीं तो पड़ जाएंगे मुश्किल में

लखनऊ में एक बार फिर पुलिस-प्रशासन हाईकोर्ट की सख्ती के बाद वायु व ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर डंडा चलाने जा रहा है। इसके चलते यातायात पुलिस प्रेशर हॉर्न और धुआं उगल रहे वाहनों की चौराहों पर लगे आईटीएमएस कैमरों से निगरानी करनी शुरू कर दी है। वहीं ड्यूटी पर तैनात यातायात पुलिस कर्मियों को ऐसे वाहनों की मौके पर ही धरपकड़ कर 10 हजार का चालान करने का निर्देश हुआ है। लखनऊ कमिश्नरेट के अनुसार चालान के लिए पुलिसकर्मियों को 900 मोबाइल फोन मिले हैं। वहीं आईटीएमएस के 132 चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी रखी जा रही है।

प्रेशर हॉर्न लगाने वालों से सख्ती से जाएगा निपटा

यातायात विभाग के मुताबिक, वाहनों में प्रेशर हॉर्न का प्रयोग करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। इसके लिए ध्वनि प्रदूषण चेक करने वाली मशीन के साथ यातायात व पुलिस की टीम को लगाया गया है। वाहनों में लगे हॉर्न की आवाज 93 से 112 डेसीबल तक ही होनी चाहिए। जो वाहन में कंपनी से लगकर आता है। इससे ज्यादा के प्रेशर हॉर्न का प्रयोग करने करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

नियम तोड़ने वालों पर 10 हजार का जुर्माना

मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वायु व ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन पर दस हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। यातायात विभाग वाहन प्रदूषण के स्तर का तय मानक को पूरा न करने वालों का इसी मद में चालान करेगी।

एक साल में 1336 का चालान

शहर में पिछले एक साल (अप्रैल 2020 से मार्च 2021) के बीच 1336 वाहनों का ध्वनि व वायु प्रदूषण के चलते चालान हुआ है। इसमें वायु प्रदूषण के 864 और ध्वनि प्रदूषण के 472 चालान हैं। यातायात विभाग व परिवहन विभाग ने जल्द ही वायु व ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्ती से निपटने की बात कही है।

वाहन चालकों को इन नियमों का करना होगा पालन

बीएस-2 के निजी और बीएस-2 या बीएस-3 के कॉमर्शियल वाहनों की प्रदूषण जांच जरूरी।
शहरी क्षेत्र में डीजल के टेंपो नहीं चलेंगे। प्रदूषण प्रमाणपत्र होने के बाद भी इंजन की खराबी पर धुंआ निकलने पर होगी कार्रवाई।

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