एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल : प्रदेश में किसी भी मरीज की मौत हुई तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ एस्मा के तहत हो कार्यवाही- सीएम योगी

उत्तर प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है। एंबुलेंस कर्मचारी संघ और एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) के अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में सहमति नहीं बन सकी। सरकार ने सोमवार को हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगाने की चेतावनी दी थी। बावजूद इसके कर्मचारी आंदोलन पर डटे हुए हैं। नतीजा मरीजों को संकट की घड़ी में एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा, लापरवाही के कारण यदि प्रदेश में किसी भी मरीज की मौत हुई तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और गृह विभाग इसे कड़ाई से पालन कराए। सरकारी कर्मचारी और आउटसोर्सिंग से संबंधित कर्मचारी अपनी ड्यूटी और दायित्वों को निभाएं। हर मरीज को तुरंत इलाज मिलना चाहिए।

लखनऊ में 8 एंबुलेंस का हुआ इंजाम

एंबुलेंस कर्मियों के प्रदर्शन को देखते हुए लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। लखनऊ के सीएमओ ने नोडल अधिकारी तैनात किए हैं। उनके नंबर भी जारी किए गए हैं। इमरजेंसी के लिए 8 एंबुलेंस लगाई गई है। हर एंबुलेंस पर 4-4 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। आशा और एएनएम को इन एंबुलेंस के नंबर दिए गए हैं। इन एंबुलेंस के अलावा 7 एंबुलेंस को इमरजेंसी के लिए रिजर्व किया गया है।

एंबुलेंस के लिए यहां संपर्क करें

  • विजय कुमार – 9335213689
  • ऋषि यादव – 9758282727

एंबुलेंस कर्मी लखनऊ में कर रहे प्रदर्शन

एंबुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हनुमान पांडेय ने बताया कि आज भी सेवाएं ठप रहेंगी। सोमवार को एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) के अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में सहमति नहीं बन सकी। इसीलिए आज भी इको गार्डन पर प्रदर्शन होगा।

इससे पहले सोमवार को एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल से प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाओं पर जबरदस्त असर देखने को मिला। एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (ALS) एंबुलेंस के चक्के थमने से प्रदेशभर के मरीज व तीमारदार परेशान दिखे। किसी मरीज की मौत होने पर एंबुलेंस नहीं मिली तो किसी प्रसूता को निजी साधन का इंतजाम कर अस्पताल पहुंचना पड़ा है। सरकार ने एस्मा लगाने की चेतावनी दी। लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हैं।

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