बिना नियम कानून के कैसे होगी पंचायत सहायको की भर्ती

नाराज सीएसपी संचालक ले सकते है कोर्ट का सहारा

नाराज सीएसपी संचालक ले सकते है कोर्ट का सहारा

योगी सरकार के इस फैसले से प्रदेश में संचालित कॉमन सर्विस सेंटर (CSC)के जो संचालक है वह काफी नाखुश नजर आ रहे हैं अगर संचालकों की मानें तो इस लॉलीपॉप भर्ती के खिलाफ CSC संचालक प्रदेश सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुवे कोर्ट का सरण ले सकते है उनका कहना है कि सरकार हम सभी संचालकों से पिछले आठ साल से फ्री में सरकारी सेवाओं का लाभ जनता को दिलाती आ रही है

और हम सभी को इस भर्ती के लिये आस्वासन देते आ रही है लेकिन आज चुनाव नजदीक देख इसे लॉलीपॉप के रूप में भर्ती का नाम दे कर भोली-भाली जनता को लुभाने के साथ-साथ CSC संचालको का हक भी छीन रही है जिससे संचालन नाराज नजर आ रहे हैं।

बिना नियम कानून के कैसे होगी पंचायत सहायको की भर्ती

प्रदेश की 58,189 ग्राम सचिवालयों का कामकाज सरकार पूरी तरह ऑनलाइन सिस्टम पर आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही है। लेकिन, इस हाइटेक व्यवस्था के संचालन के लिए पंचायतों में पंचायत सहायक, अकाउंटेंट-कम-डाटा इंट्री ऑपरेटर की तैनाती कंप्यूटर निरक्षर लोगों की करने की तैयारी है। शासन ने इस पद के लिए आवश्यक अर्हता में कंप्यूटर ज्ञान की अनिवार्य आवश्यकता को नजरंदाज कर दिया, जिससे पूरी चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया जा रहा है।

सरकार ने 25 जुलाई को जारी शासनादेश में पंचायत सहायक, अकाउंटेंट-कम-डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर आवेदन के लिए तीन प्रमुख अर्हताएं तय की हैं। पहला, न्यूनतम शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट उत्तीर्ण होना चाहिए। दूसरा, न्यूनतम आयु एक जुलाई को 18 वर्ष तथा अधिकतम 40 वर्ष होनी चाहिए। तीसरा, अभ्यर्थी उसी ग्राम पंचायत का निवासी होना चाहिए। इसमें कहीं भी कंप्यूटर ज्ञान से संबंधित अर्हता का जिक्र नहीं किया गया है।

खास बात ये है कि शासनादेश में इस पद के कार्य व दायित्व का भी विस्तार से विवरण दिया गया है। इसमें इस तरह के कार्य शामिल हैं जिनका क्रियान्वयन कंप्यूटर से जुड़ी अच्छी जानकारी रखने वाले कर्मी ही कर सकते हैं। ऐसे में इस कार्य के लिए नियुक्त होने वाले कार्मिक बिना कंप्यूटर ज्ञान ग्राम सचिवालय के लक्ष्यों को पूरा करने में सफल हो पाएगा, इस पर संदेह जताया जा रहा है।

पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने इस संबंध में कहा कि इस भर्ती में कंप्यूटर ज्ञान के लिए ‘सीसीसी’ अनिवार्य किए जाने की बात थी।

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