14 वर्षीय लड़की के आत्महत्या के मामले में नया मोड़, परिवार ने लगाया पत्रकार पर हत्या करने का आरोप

सुल्तानपुर। घटना थाना क्षेत्र बल्दीराय के अंतर्गत ग्रामसभा केवटली कि है, जहां पर बीते 29 जुलाई को 14 वर्षीय नाबालिग लड़की की आत्महत्या का मामला संज्ञान में आया था। जिसने अब नया मोड़ ले लिया है लड़की के परिवार का आरोप हैं कि उन्हीं के घर के बगल के पत्रकार राम भवन प्रजापति तथा उनके साथ के कुछ असामाजिक तत्व जो देर रात रामभवन प्रजापति के घर के बाहर शराब पार्टी मे शिरकत करते थे।

और रेशमा प्रजापति की आत्महत्या या हत्या की घटना के बाद न केवल असामाजिक तत्व गायब है बल्कि देर रात चलने वाली शराब पार्टी बंद है पीड़ित के परिवार का कहना है की उनकी लड़की की हत्या की साजिश में राम भवन प्रजापति शामिल है। इस पूरे मामले में स्थानीय पुलिस का रवैया पीड़ित परिवार के साथ न्याय संगत नहीं है, पुलिस मामले को आत्महत्या बताकर न केवल हत्या क़ो आत्महत्या साबित करने मे लगी है।

आखिर स्थानीय पुलिस बिना जाँच पड़ताल किये पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट क़ो आधार मानकर गुनहगार क़ो खुला घूमने का न केवल मौका दे रही है बल्कि इस घटना मे पुलिस और राजनीतिक ख़ड्यंत्र का खेल साफ नजर आ रहा है। इस घटना के लगभग 15दिन बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार को पुलिस ने न तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की काँपी दी है और न ही जाँच करने की कोई जरूरत समझी है।

स्थानीय पुलिस से कोई मदद ना मिलने के बाद पीड़ित परिवार ने  पुलिस महानिदेशक लखनऊ, मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है अब देखना यह है कि गरीब परिवार की गुहार उच्च अधिकारियों तक पहुंचती है या नहीं। वही पीड़िता की माँ का कहना है कि मेरी बेटी ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसकी हत्या की गई है

उन्होंने आरोप लगाया कि रामभवन प्रजापति दुष्चरित्र किस्म का व्यक्ति है और मेरी लड़की पर गलत निगाह रखता था। उसके साथ कुछ असामाजिक तत्व जो देर रात तक शराब की पार्टी किया करते थे। जिस दिन से मेरी बेटी की हत्या हुई है उसके बाद से असामाजिक तत्वों का आना जाना बंद हो गया है। वही रामभवन प्रजापति ने मीडिया में झूठी खबर चलाई की स्थानीय पुलिस को सुसाइड नोट बरामद हुआ है जबकि थाना अध्यक्ष बल्दीराय ने सुसाइड नोट ना मिलने की पुष्टी की है।

रामभवन  की स्थानीय पुलिस से पकड़ और राजनैतिक सांठगांठ पुलिस जांच प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर रही है। बल्दीराय क्षेत्र में राम भवन को पत्रकार के नाम से कम थाना और चौकी की दलाली के नाम से जाना जाता है, यही कारण है कि गरीब मजदूर की बेटी की आत्महत्या हुए लगभग 15 दिन बीत गए उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। क्या केवल पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही जाँच का आधार है या फिर स्थानीय पुलिस के ऊपर रामभवन क़ो बचाने मे किसी प्रकार का दबाव।

इस सच से पर्दा तभी उठेगा जब सुल्तानपुर पुलिस ईमानदारी से इसकी जाँच करेंगी सोचने वाली बात यह भी है पीड़ित परिवार के दर्द क़ो पूछने तक न कोई जनप्रतिनिधि पंहुचा और न ही पुलिस के काबिल अफसर लेकिन देखना है क्या गरीब मजदूर की लड़की क़ो इंसाफ मिल पता है।

सुल्तानपुर थाना बल्दीराय से संतोष दुबे की रिपोर्ट।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More