क्रांतिकारी को नहीं मिला विजयपुर में उचित सम्मान

विजयपुर

सुभाष चन्द्र बोस  भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। द्वितीय विश्व युद्द के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आजाद हिंद फौज का गठन किया था उनके द्वारा दिया गया जय हिंद का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूँगा” का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया भारतवासी उन्हें नेताजी के नाम से सम्बोधित करते हैं।

समस्त देश मे सुभाष चन्द्र बोस के नाम की तूती बोलती है पर विजयपुर में सुभाष चन्द्र बोस को शायद प्रशासन ने नकार सा दिया है केवल गणतंत्र दिवस एवम स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उनके बस स्टैंड के पास क्षत विक्षत पार्क में जाकर पत्थर के बने चित्र को पोत कर अपनी देशभक्ति को जताया है बाकी साल के तीन सौ ट्रेशठ दिन इस पत्थर के चित्र पर सभी प्रकार के आवारा पशु अपना मूत्र विसर्जन करते हैं तो उनके क्षत विक्षत इस पार्क में आवारा तत्व अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
लगभग 20 लाख रूपये के बने इस सुभाष चन्द्र बोस पार्क को आज पूर्ण रूप से धराशायी कर दिया गया है और अतिक्रमणकारियों ने उसे चारो ओर से घेर लिया है।

बस रह गया है तो वह क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस जी का पत्थर का चित्र जो स्वयं के सम्मान की आस लगाये बैठा है। इस नही है कि इस खबर से नगर परिषद या एसडीएम वंचित हो क्योंकि विजयपुर युवाओ के द्वारा वर्तमान सीएमओ नत्थी लाल करौलिया को आवेदन सौप कर पार्क के संरक्षण के लिए कहा गया लेकिन नगर प्रशासन की उदासीनता के चलते आज महान क्रांतिकारी का चित्र बीच बस स्टैंड पर मल मूत्रो में पड़ा हुआ है।

रिपोर्ट नितेश उपाध्याय

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