सुप्रीम कोर्ट के सामने युवती के आत्मदाह मामले में सरकार हुई सख्त, जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का किया गठन

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने युवती के आत्मदाह प्रकरण की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। यह कमेटी दो सप्ताह में राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। युवती ने बसपा सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। दो सदस्यीय टीम में आईपीएस आरके विश्वकर्मा और आईपीएस नीरा रावत शामिल हैं। यह टीम पीड़ित युवती द्वारा पुलिस अफसरों, कर्मचारियों व अन्य लोगों पर लगाए गए सभी आरोपों की जांच करेगी।

वहीं, मामले में मंगलवार को दुष्कर्म पीड़िता के खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना में लापरवाही बरतने पर कैंट इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह और दरोगा गिरजाशंकर यादव को निलंबित कर दिया गया। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश के आदेश पर दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। रामनगर थाने पर तैनात प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश राय को कैंट थाने का प्रभारी और रतनेश्वर सिंह को एसीपी कैंट की कमान सौंपी गई। पीड़िता के मुकदमे की विवेचना अब इंस्पेक्टर वेद प्रकाश राय करेंगे।

दरअसल, घोषी सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली बलिया निवासी पीड़िता और उसके गवाह ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट परिसर में पेट्रोल छिड़क आग लगा ली थी। झुलसे हाल में दोनों को राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आत्मदाह से पूर्व दुष्कर्म पीड़िता ने वाराणसी पुलिस पर भी आरोप लगाया था।

मुकदमे की विवेचना में लापरवाही और बगैर साक्ष्य संकलन के रिपोर्ट लगाने पर कैंट थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार सिंह और दरोगा गिरजाशंकर यादव को निलंबित किया गया है। घोषी सांसद के भाई पवन सिंह के प्रार्थना पत्र के आधार पर न्यायालय के आदेश पर पीड़िता के खिलाफ नवंबर 2020 में कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद दो अगस्त को पीड़िता के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर गैर जमानती वारंट जारी किया गया।

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