इस बार टेंशन फ्री होकर मनाएं रक्षाबंधन, न ग्रहण की छाया और न ही भद्रा का असर

रक्षाबंधन पर इस बार न तो ग्रहण की छाया रहेगी और न ही भद्रा की झंझट। हालांकि सुबह में ही भद्रा का प्रभाव होने के कारण दिन भर राखी बांधने का मुहूर्त मिल रहा है। श्रावणी पूर्णिमा दो दिन है और इसमें पहले दिन व्रत की पूर्णिमा का मान होगा तो दूसरे दिन स्नान-दान, पूजन और रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। श्रावणी पूर्णिमा के मुहूर्त और भद्रा को लेकर काशी के ज्योतिषियों की राय भी अलग-अलग है।

ज्योतिषाचार्य आचार्य ऋषि द्विवेदी ने बताया कि श्रावण पूर्णिमा 21 अगस्त को शाम 6:10 बजे से 22 अगस्त की शाम 5:01 बजे तक रहेगी। श्रावण पूर्णिमा पर भद्रा 21 अगस्त को शाम 6:10 बजे से लगेगी और 22 अगस्त को भोर में 5:35 बजे समाप्त होगी। रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो भविष्य पुराण के अनुसार, श्रावणी उपाकर्म सहित रक्षाबंधन में दोपहर बाद व्यापिनी पूर्णिमा ली जाती है।

यानी जिस दिन अपराह्न काल से पूर्णिमा तिथि का संबंध हो, वही तिथि श्रावणी उपाकर्म सहित रक्षाबंधन में ग्राह्य होती है। अबकी अपराह्न व्यापिनी पूर्णिमा 22 अगस्त को मिल रही है। सुबह से आरंभ होकर संपूर्ण दिन उपाकर्म, देव-ऋषि-पितृ तर्पण आदि से निवृत्त होकर रक्षाबंधन मनाना शुभ रहेगा। अत: इस बार रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त अपराह्न काल अर्थात दिन में एक बजे से शाम 5:01 तक रहेगा।

ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि श्रावण पूर्णिमा 21 अगस्त को शाम 7:01 बजे लगेगी और 22 अगस्त को शाम 5:32 बजे तक रहेगी। 22 अगस्त को प्रात: 6:17 के बाद ही रक्षाबंधन का पर्व आरंभ होगा। ज्योतिष गणना के अनुसार विधि-विधान से रक्षासूत्र धारण करने पर व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है।

राशि अनुसार राखी बांधें

मेष- राशि के भाई को मालपुए खिलाएं एवं लाल डोरी से निर्मित राखी बांधे।
वृषभ- राशि के भाई को दूध से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं सफेद रेशमी डोरी वाली राखी बांधे।
मिथुन- बेसन से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं हरी डोरी वाली राखी बांधे।
कर्क- रबड़ी खिलाएं एवं पीली रेशम वाली राखी बांधे।
सिंह- रस वाली मिठाई खिलाएं एवं पंचरंगी डोरे वाली राखी बांधे।
कन्या- मोतीचूर के लड्डू खिलाएं एवं गणेशजी के प्रतीक वाली राखी बांधे।
तुला- हलवा या घर में निर्मित मिठाई खिलाएं एवं रेशमी हल्के पीले डोरे वाली राखी बांधे।
वृश्चिक-गुड़ से बनी मिठाई खिलाएं एवं गुलाबी डोरे वाली राखी बांधे।
धनु- रसगुल्ले खिलाएं एवं पीली व सफेद डोरी से बनी राखी बांधे।
मकर- मिठाई खिलाएं एवं मिलेजुले धागे वाली राखी बांधे।
कुंभ-हरे रंग की मिठाई खिलाएं एवं नीले रंग की राखी बांधे।
मीन-मिल्क केक खिलाएं एवं पीले-नीले जरी की राखी बांधे।

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