बुरी तरह फंसे अफगानी नागरिक, तालिबान सिर्फ विदेशी नागरिको को ही देगा देश छोड़ने की इजाजत

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान के घुसने के साथ ही यहां पिछले एक हफ्ते से ज्यादा समय से अफरा-तफरी का माहौल है। पूरे अफगानिस्तान से लोग काबुल एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं, ताकि यहां से वे फ्लाइट पकड़ कर किसी और देश जा सकें। हालांकि, इस बीच तालिबान ने कहा है कि वह काबुल एयरपोर्ट जा रहे अफगान नागरिकों को रोकेगा।

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उन्होंने एयरपोर्ट तक जाने वाली सड़कें ब्लॉक कर दी हैं। अफगान अब एयरपोर्ट तक नहीं जा पाएंगे। सिर्फ विदेशी नागरिकों को ही उस सड़क से एयरपोर्ट तक जाने की इजाजत होगी।

मुजाहिद ने कहा कि बीते दिनों में जो भी अफगान नागरिक काबुल एयरपोर्ट पर जुटे हैं, उन्हें अपने घर लौट जाना चाहिए। उसने यह भी कहा कि ऐसे लोगों को तालिबान की तरफ से कोई सजा नहीं दी जाएगी। बता दें कि तालिबान ने अमेरिकी सेना को काबुल से निकलने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया है। इसके चलते काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़ने के लिए जुटने वालों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है।

तालिबान प्रवक्ता ने आगे कहा, “हम आगे अफगान नागरिकों को देश से बाहर ले जाने की इजाजत नहीं देंगे और हम इससे खुश भी नहीं हैं। अफगानिस्तान के डॉक्टरों और अकादमिकों को देश छोड़कर नहीं जाना चाहिए। उन्हें अपनी खूबियों वाले क्षेत्र में काम करना चाहिए।” बता दें कि बीते दिनों में अफगानिस्तान छोड़ने वाले ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या महिलाओं की है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 14 अगस्त को कहा था कि अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों, नाटो सेना के कर्मी और अफगानों को मिलाकर कुल 70 हजार लोगों को काबुल से निकाला जाना है। हालांकि, अभी तक जिस रफ्तार से अमेरिका और बाकी देश निकासी कार्यक्रम चला रहे हैं, उस लिहाज से 31 अगस्त तक लक्ष्य में रखे गए लोगों को बाहर निकालना काफी मुश्किल साबित होगा।

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