काबुल एयरपोर्ट पर बम धमाके में अब तक 108 लोगो की मौत, बढ़ सकता है आंकड़ा

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर धमाकों के 16 घंटे बाद उड़ानें फिर शुरू कर दी गई हैं और वहां से लोगों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। गुरुवार शाम को काबुल एयरपोर्ट पर फियादीन हमले हुए थे। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक इन हमलों में अब तक 95 अफगानी और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं, वहीं 1,338 लोग जख्मी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जो 95 अफगानी मारे गए हैं उनमें 28 तालिबानी थे, जो कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर तैनात थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ISIS के खुरासान ग्रुप ने ली है।

एयरपोर्ट पर फिर से आतंकी हमले का खतरा

फिदायीन हमलों से दहले काबुल एयरपोर्ट पर और भी आतंकी हमले हो सकते हैं। अमेरिकन ब्रॉडकास्ट कंपनी (ABC) के मुताबिक एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर कार बम ब्लास्ट का खतरा है। ऐसे में काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास ने नया अलर्ट जारी किया है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमलावरों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि आतंकियों को ढूंढ ढूंढ कर मारेंगे।

ब्रिटेन ने कहा है कि वह कुछ घंटों में अफगानिस्तान से इवैक्यूशन (लोगों को निकालने का सिलसिला) बंद कर देगा। वहीं स्पेन ने भी आज ही इवैक्यूशन बंद करने की बात कही है।
अमेरिका ने कहा है कि काबुल से लोगों को निकालने का मिशन जारी रहेगा। काबुल हमले में मारे गए लोगों के सम्मान में अमेरिका का झंडा 30 अगस्त की शाम तक आधा झुका रहेगा।

अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा है कि हमारे पास मौजूद सबूतों से साफ पता चलता है कि IS-K के तालिबान और हक्कानी नेटवर्क से संबंध हैं। तालिबान का ISIS से लिंक होने से इनकार करना ठीक वैसा ही है जैसे पाकिस्तान क्वेटा शुरा को लेकर कहता है। तालिबान ने भी अपने आका पाकिस्तान से ये गुर सीख लिए हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- हमलावरों को छोड़ेंगे नहीं

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमलों की निंदा करते हुए कहा है कि अमेरिकी सैनिकों की मौत बेहद दुखद है, दूसरों की जान बचाने में अमेरिकी सैनिकों का बलिदान हम कभी भूलेंगे नहीं और न ही हमलावरों को माफ करेंगे। हम आतंकियों को ढूंढ़कर मारेंगे, सैनिकों के परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को निकालेंगे और अपने अफगान सहयोगियों को भी बाहर निकालेंगे। हमारा मिशन जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त फौज भी भेजेंगे |

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