लखपति बनने के शौक मे अवैध शराब के कारोबार से जुड रहे है धन्धेबाज

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़-कुशीनगर 

कुशीनगर।जनपद में आते दिन अपराध, भ्रष्टाचार व अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए शासन कर रहा हैआरोप है कि लेकिन सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की सरकारी मशीनरी मुख्यमंत्री के नेक इरादे पर पानी फेरने मे लगे है। कारण यह कि जिले के पुलिस और आबकारी विभाग के संरक्षण मे शराब तस्करी और अवैध शराब का धंधा जोरो पर चल रहा है। ऐसी चर्चा है कि प्रधान प्रतिनिधियों और गांव के छुटभैये नेता भी शराब के इन अवैध कारोबारियों के रहनुमा बन अपनी दलाली की दुकान चटकाने मे लगे है।

बताते चलें कि कुशीनगर-देवरिया दो जनपद और तीन थाने के बीच मे बसा हेतिमपुर का एक बड़ा हिस्सा कसया थाने के अन्तर्गत आता है। छोटी गण्डक नदी के दोनों किनारे स्थित यह कस्बा अवैध कच्ची शराब के लिए पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में जाना माना जाता है। हेतिमपुर की शाम को लोग नॉर्वे की संध्या भी कहते है। पिछले चार दशकों से अवैध कच्ची के लिए मशहूर यह कस्बा आज कल बन्द शीशी के अवैध शराब के कारोबार को लेकर चर्चा में है।

माफियाओं के लिए हरियाणा व पंजाब निर्मित अवैध शराब के कारोबार के लिए यह क्षेत्र काफी सुरक्षित माना जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि सप्ताह में दो से तीन दिन ट्रक से लादकर इस क्षेत्र के तीन किलोमीटर की परिधि में हरियाणा और पंजाब निर्मित शराब उतारी जाती है और छोटे वाहनों जरिए जनपद के छोटे-बडे कस्बे और चौक-चौराहो पर भेजी जाती है। ऐसे मे यह कहना मुनासिब होगा कि हेतिमपुर हरियाणा निर्मित शराब का हब बनता जा रहा है। इस कारनामें में कुछ प्रशासनिक लोगो के मिलिभक्त की भी बात सामने आ रही है। इस अवैध कारोबार से जहाँ इन क्षेत्रों के दर्जनों गांवों के युवाओं का भविष्य खतरे में दिख रहा है।

वही एक बड़े रकम पाने की आदतों के चलते युवा वर्ग अपराध के तरफ भी तेजी से रुख कर रहे है। लोगो का मानना है कि ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले समय मे यह अवैध कारोबार यहा हर घर मे फलता-फुलता नजर आयेगा। उस समय इस कारोबार पर अंकुश लगाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती भी बन सकती है। लोगो का मानना है कि कारोबारियों और माफियाओं के लुभावने झांसे की वजह से युवा वर्ग रातो-रात लखपति बनने के चक्कर मे शराब के अवैध कारोबार के दलदल मे फसते जा रहे है। मजे की बात यह है कि युवा इस कारोबार को लेकर किसी हद तक उतरने से गुरेज नही करते है, जो एक बड़े घटना को दावत दे रहा है। ऐसे में यदि प्रशासनिक कोई विशेष पहल नही की गई तो आने वाला समय प्रशासन के लिए एक बड़े चुनौती भरा होगा।

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