दुष्कर्म के बाद मासूम की बेरहमी से हत्या करने के मामले में दोषी को हुई फांसी की सजा

बुलंदशहर में दुष्कर्म के बाद मासूम की हत्या के गुनहगार को सजा-ए-मौत सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम डॉ. पल्लवी अग्रवाल की कोर्ट ने कठोर टिप्पणी की है। कोर्ट ने लिखा कि यह अपराध एक जघन्यतम है। स्त्री धर्म का मूल है और स्त्री के साथ इस प्रकार का अपराध किसी भी धर्म व संस्कृति में मान्य नहीं है।

विशेष लोक अभियोजक पाक्सो अधिनियम सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि न्यायालय ने आरोपी को बृहस्पतिवार को ही दोषसिद्ध कर दिया था। शुक्रवार को मामले में न्यायालय ने अपराध को जघन्यतम श्रेणी में मानते हुए उसे मृत्युदंड और विभिन्न धाराओं में 1.40 लाख रुपये अर्थदंड लगाया है।

न्यायाधीश ने फैसले में लिखा है कि यह समाज के साथ अपराध है और समाज में पाशविकता को उजागर करता है। समाज में बच्चे यदि अपराध के कारण भयभीत व कुंठित होंगे तो समाज उन्नति कर ही नहीं सकता है। यह अपराध गुनहगार द्वारा जघन्य दुष्कर्म व वीभत्स हत्या का है। इससे दुस्साहस व घृणित मानसिकता उजागर हो रही है।

दोष सिद्ध अशोक कुमार पुत्र अमर सिंह उर्फ भूति सिंह को गर्दन में फांसी लगाकर फंदे पर तब तक लटकाया जाए, जब तक कि उसकी मृत्यु न हो जाए। कोर्ट ने गुनहगार पर  1.40 लाख रुपये अर्थदंड लगाया है।

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