अन्धविश्वाश या पागलपन, इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए ग्रामीणों ने लड़कियों के कपडे उतरवा निकाला जुलूस, पढ़ें पूरा मामला

इससे शर्मनाक और क्या: मध्य प्रदेश में इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए लड़कियों से करवाई गई…
मध्यप्रदेश से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. सूबे के जिले दमोह में इंद्रदेवता को खुश करने के नाम पर गाँव वालों में एक घिनौने कृत्य को अंजाम दिया है जो बेहद ही शर्मनाक है. आज के समय में इस तरह के मामले सामने आना मानवता को शर्मसार करता है. यह बताता है कि आज भी लोग अंधविश्वास और रूढ़िवादी परम्पराओं में बंधे हुए है |

दरअसल दमोह जिले में बर्षा कराने और इंद्रदेवता को खुश करने के लिए मासूम नाबालिक बालिकाओं से निर्वस्त्र करके परेड कराने का मामला प्रकाश में आया है. मामले को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है |

इन्द्रदेव को प्रसन्न करने के नाम पर शर्मनाक कृत्य

वहीं मामला सामने आने के बाद शासन-प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है. न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार जबेरा विकासखंड के बनिया गांव में इस घटना को अंजाम दिया गया है |

बताया जा रहा है कि इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए बुंदेलखंड के कई इलाकों में तरह-तरह के टोने और टोटके होते रहे है. इन्हीं में से एक टोटका यह है. लोगों की मान्यता है कि अगर बालिकाएं नग्न होकर देवी की पूजा करती है तो इंद्र देव प्रसन्न हो जाएंगे और बारिश होगी |

इसी मान्यता के तहत आदिवासी बाहुल्य गांव में बीते दिनों तालाब में स्नान कर रही छह नाबालिक और मासूम बच्चियों को खेरमाई के मंदिर में लाया गया और फिर गोबर से लिपाई पुताई की गई जिसके बाद उन्हें नि’र्वस्त्र करके घुमाया गया |

सोशल मीडिया पर मासूम बच्चियों से अनुष्ठान कराने जाने का वीडियो सामने आया है जो तेजी से वायरल हो रहा है. इसी के आधार पर जिला प्रशासन को इस मामले की जानकारी मिली |

आईएएनएस को जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक डीआर तेनिवार ने कहा कि मंदिर के पास मौजूद तालाब में कुछ बालिकाएं स्नान करा कर मंदिर में गोबर लीपने के लिए बुलाई गई थी |

जिसके बाद मासूम बालिकाओं से मूर्ति पर गोबर से लिपाई गई. इसके साथ मेढक को लकड़ी से बांधे हुए यह बालिकाएं बिना वस्त्रों के निकली. इसके साथ मौजूद महिलाएं गीत गाते हुए नजर आई. इस मामले में तेजी से जाँच की जा रही है |

पुलिस अधीक्षक के मुताबिक इस मामले में अनुष्ठान जिन बालिकाओं से कराया गया था वो महज पांच से छह साल की हैं. इस मौके पर सिर्फ महिलाएं ही मौजूद रही, इस दौरान कोई भी पुरुष नहीं था |

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