वर्षों बाद अलग हुए हीरा और पन्ना, टाइगर रिजर्व छोड़कर सतना के जंगलों में गया बाघ

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़- पन्ना

पन्ना ब्युरो ।वैसे तो मध्य प्रदेश का पन्ना जिला मंदिरों और हीरों के लिए देश-दुनिया मे जाना जाता है, लेकिन आज हम बात पन्ना में मिलने वाले बेशकीमती हीरों की नहीं बल्कि पन्ना टाइगर रिजर्व के दो ऐसे बाघों की कर रहे है. जिनका नाम हीरा और पन्ना है. एक समय था जब ये दोनों यार पर्यटकों को खूब लुभाते थे, लेकिन अब स्थिति यह हो गई है कि दोनों को बिछड़ गए है. हीरा पन्ना टाइगर रिजर्व की सीमा छोड़कर चित्रकूट और सतना के जंगलों में चला गया है. ऐसे में प्रबंधन को भी चिंता सता रही है कि अब पन्ना हीरा के बगैर कैसे रह सकता है*

*अधिकारियों ने नाम रखा था हीरा-पन्ना*

*पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने दो मेल टाइगर की दोस्ती को देखते हुए इनका नाम हीरा और पन्ना रख दिया था. उनका कहना है कि इनका नाम भी हीरा और पन्ना इसलिए रखा था क्योंकि हीरा पन्ना के बगैर नहीं रह सकता और पन्ना हीरा के बगैर नहीं रह सकता. लेकिन अब इन दो बाघों की दोस्ती टूट गई. हीरा पन्ना को छोड़कर चित्रकूट के जंगलों में चला गया है. दोस्त के दाने के बाद पन्ना ने बफर क्षेत्र में अकोले अपना रहवास बना लिया है*

*सतना और चित्रकूट के जंगलों में हीरा ने जमाया डेरा*

*अधिकारियों का कहना है कि हीरा पन्ना को छोड़कर सतना जिले की सीमा में पहुंच गया है. यह सेटेलाइट रेडियो कॉलर बाघ हैं. जिससे पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अधिकारियों को जानकारी लगी है. हालांकि कुछ दिन पहले तक अटखेलियां करने वाले यह हीरा और पन्ना दोनों भाइयों की तरह रहते थे. लेकिन हीरा के बिछड़ जाने से पन्ना अब उदास रहने लगा है. यह उदासी टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अधिकारियों को भी समझ में आ रही है*

राष्ट्रीय जजमैंन्ट ब्युरो जितेन्द्र दुबे

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