मध्यप्रदेश की प्रमुख खबरें एक नजर में RJ के साथ

कुख्यात अपराधों पर किताब लिख रहे हैं पूर्व डीजीपी

मध्यप्रदेश के एक सेवानिवृत्त डीजीपी अपने जीवन काल में घटित कई कुख्यात अपराधों पर एक किताब लिखने जा रहे हैं । सेवानिवृत्ति के बाद कानून को लेकर अपनी सामाजिक सक्रियता बढ़ाएं भारतीय पुलिस सेवा के इस अधिकारी की किताब रोचक तो रहेगी ही पुलिसिंग में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाएगी। किताब में अपराधियों के नाम बदलकर प्रस्तुत किया जाएगा पर ऐसी घटनाओं का भी जिक्र रहेगा जो राजनेताओं की भूमिका का भी खुलासा करेगी। सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश के बारह मामले हैं।

सिंधिया का रथ दोस्ती-दुश्मनी की अजब-गजब कहानी

केन्द्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रथम ग्वालियर आगमन राजनीतिक दोस्ती दुश्मनी की अजब-गजब कहानी बयां कर गया। सिंधिया का रथ मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में सिंधिया के परंपरागत राजनीतिक दुश्मन रहे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खास पूर्व विधायक जीतू जिराती ने तैयार करवाया था। यह रथ जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के कहने पर तैयार करवाया था। रथ जब ग्वालियर पहुंचा तो सिंधिया के साथ मधु वर्मा नजर आए। गौरतलब है कि मधु वर्मा इंदौर के राऊ विधानसभा क्षेत्र में आमने-सामने होते रहते है।

मध्यप्रदेश के एक मंत्री दो साल में तीन बार बने विधायक

कहां विधानसभा का एक चुनाव जीतना कठिन होता है और कहां मध्यप्रदेश के एक मंत्री को दो साल में तीन बार विधायक बनने की कवायद करना पड़ी। मुंगावली से विधायक हैं बृजेन्द्र सिंह यादव जो शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में पी एच ई राज्य मंत्री हैं । यादव सिंधिया कोटे से आते हैं। यादव फरवरी 2018 में उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे । दिसंबर 2018 में आम चुनाव जीतकर विधायक बन गये । 2020 में केन्द्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए । भाजपा सरकार बनने के बाद हुए उपचुनाव में फिर बृजेन्द्र सिंह यादव को उपचुनाव लड़ना पड़ा । यहां भी किस्मत ने साथ दिया । शिवराज और सिंधिया ने उपहार स्वरूप मंत्री बना दिया ।

मंत्रालय से गुम फाइल के मामले को दबाने की कवायद

सरकार बदलने और कोविड 19 संक्रमण की आपाधापी में मध्यप्रदेश के एक प्रमुख सचिव मनमर्जी से अपने चहेते का ट्रांसफर कर बैठे । विभागीय मंत्री कोई था नहीं और सारे विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास थे। तबादला आदेश में विभागीय मंत्री के नाते मुख्यमंत्री का अनुमोदन भी नहीं लिया गया । बाद में मामले को दबाने फाइल गायब कर दी गई। प्रमुख सचिव भी बदल गये और फाइल में प्रमुख भूमिका निभाने वाले एक IAS अफसर भी । जब मामले की जानकारी नये पी एस को लगी तो उन्होंने तीखे तेवर अपना लिए । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधुरे दस्तावेजों से फाइल तैयार करवाई गई है । जिससे मामले को दबाने में मदद मिल सके।

शराब के मुद्दे पर उमा को मिला सहायक आबकारी आयुक्त का साथ

मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को शराब बंदी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेरने के लिए एक सहायक आबकारी आयुक्त का साथ मिल गया है । मलाईदार पोस्टिंग से हटाए जाने के बाद उक्त सहायक आबकारी आयुक्त छटपटा रहे हैं । अपने उच्च राजनीतिक संपर्कों के बावजूद इन्हें सफलता नहीं मिल पा रही है । बौखलाहट में उक्त सहायक आबकारी आयुक्त ने पहले भोले भाले आबकारी मंत्री , ईमानदार प्रमुख सचिव सहित मध्यप्रदेश के आबकारी आयुक्त के खिलाफ मीडिया में जमकर खबरें उपलब्ध करवाई । बात बनती न देख दुष्प्रचार का सहारा भी लिया । इस पर भी बात नहीं बनी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ ही शराब व्यवसाईयों को संरक्षण दिए जाने संबंधी दुष्प्रचार शुरू कर दिया । सरकार के आला अफसरों को इस अधिकारी की संदिग्ध भूमिका की जानकारी पता चल गई है ।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More