सिस्टम लाचार, व्यवस्था बेकार, कटनी के मडई में बीमार को खाट पर ले जाते लोग

कटनी. आजादी के 70 वर्ष बाद भी विकास का दम भरने वाले नेता अधिकारियों को यह भी फुर्सत नहीं मिली की कहां क्या समस्या है जिसका खामियाजा ग्रामीण जन भुगत रहे हैं लाचार सिस्टम के आगे आम नागरिक नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं देश हमारा चांद तक पहुंचा गया है, रॉफेल तक की सौगात देश को मिल चुकी, बुलेट ट्रेन जैसी सौगात पर काम हो रहा है,

लेकिन कटनी शहर मुख्यालय से चंद किलोमीटर कटनी विधानसभा क्षेत्र का मड़ई ग्राम पंचायत जहां की महज 3 किलोमीटर का पहुंच मार्ग इतना खस्ता हाल में है कि ग्रामीण आपातकाल में मरीज को खाट पर लाने-लेजाने विवश होते हैं। गर्भवती महिलाएं, बूढ़े, बीमार सब मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए खटिया या दोपहिया से ले जाने मजबूरी होते हैं।

खटिया में बुजुर्ग को अस्पताल ले जाते लोगों का यह नजारा को मड़ई गांव का है। गांव के बीमार बुजुर्ग रामकृष्ण उरमलिया (85) का है। उम्र का चौथे पड़ाव में बीमार हुए तो अस्पताल जाने के लिए बस्ती में एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई। आनन-फानन में ग्रामीण खाट पर लेकर आए। बुजुर्ग ने कहा कि सड़क नाम की सुविधा किसी जनप्रतिनिधियों ने नहीं उपलब्ध विगत विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने वाला मध्यप्रदेश का इकलौता ग्राम पंचायत रहा है,

जिमसें बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने दबाव बनाया, मतदान कराया और आश्वाशन दिया कि सड़क बनवा दी जाएगी। आज 4 वर्ष उपरान्त आज भी मड़ई के ग्रामीण बिना सड़क ऊबड़-खाबड़ जर्जर मार्ग से अपनी जिंदगी की रोजी रोटी कमाने को शहर आने-जाने को मजबूर हैं।

राष्ट्रीय जजमेंट संवाददाता कटनी से श्यामलाल सूर्यवंशी की रिपोर्ट

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