मप्र : कटनी में बन रहा है देश का सबसे लंबा रेलवे ओवरब्रिज

कटनी ।शहर में देश का सबसे लंबा रेलवे ओवरब्रिज बन रहा है. इसे ‘उड़ता जंक्शन’ भी कहा जा रहा है. कटनी ग्रेड सेपरेटर का भार 676 खंभों के ऊपर होगा. इस रेलवे ओवर ब्रिज की प्लानिंग और तैयारी 2018 से शुरू की गई. 2020 से इसका निर्माण शुरू हुआ. इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी का ये ठेका एल एन टी को दिया गया है. एलएनटी ने बिमरौल नदी के समीप पिलर खुदाई शुरू कर दी है. 170 खंभों के लिए पाइलिंग का काम जमीन स्तर तक पूरा हो गया है. कटनी ग्रेड सेपरेटर का भार 676 खंभों के ऊपर होगा

इस पर दिसंबर 2023 में मालगाड़ी जैसी ट्रेनें दौड़ने लगेंगी. झलवारा कटंगी इलाके के पास 3 सौ खंभों का निर्माण शुरू हो चुका है. साथ ही, कटनी के मुड़वारा स्टेशन के पास ब्रिज का काम तेजी से चल रहा है.

170 खंभों के लिए पाइलिंग का काम जमीन स्तर तक पूरा हो गया है. कटनी ग्रेड सेपरेटर का भार 676 खंभों के ऊपर होगा. इस पर दिसंबर 2023 में मालगाड़ी जैसी ट्रेनें दौड़ने लगेंगी. झलवारा कटंगी इलाके के पास 3 सौ खंभों का निर्माण शुरू हो चुका है. साथ ही, कटनी के मुड़वारा स्टेशन के पास ब्रिज का काम तेजी से चल रहा है.

इस ब्रिज को कटनी से झलवारा रेलवे से होते हुए दमोह रेलवे लाइन के मझगांव स्टेशन तक बनाया जा रहा है. इस ब्रिज की कुल लंबाई 34.09 किलोमीटर है. डाउन लाइन में इसकी लंबाई 18.01 किलोमीटर होगी.

इस ब्रिज को कटनी से झलवारा रेलवे से होते हुए दमोह रेलवे लाइन के मझगांव स्टेशन तक बनाया जा रहा है. इस ब्रिज की कुल लंबाई 34.09 किलोमीटर है. डाउन लाइन में इसकी लंबाई 18.01 किलोमीटर होगी.अप लाइन में इसकी लंबाई 16.08 किलोमीटर होगी. किलोमीटर की रिटेनिंग वॉल का निर्माण कटंगी, झलवारा, मझगवां और मुड़वारा स्टेशन के समीप किया जाएगा.

मझगवां में ग्रेड सेपरेटर एंड प्वाइंट पर न्यू मझगवां के नाम से नया स्टेशन बनेगा.अप लाइन में इसकी लंबाई 16.08 किलोमीटर होगी. किलोमीटर की रिटेनिंग वॉल का निर्माण कटंगी, झलवारा, मझगवां और मुड़वारा स्टेशन के समीप किया जाएगा. मझगवां में ग्रेड सेपरेटर एंड प्वाइंट पर न्यू मझगवां के नाम से नया स्टेशन बनेगा.

गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट में अपलाइन झलवाला से आएगी और दूसरी कटंगी से आएगी. रेलवे ओवर ब्रिज में दोनों लाइनें ऊपर ही ऊपर पड़रिया फाटक के पास मिलेंगी. आरओबी में पड़रिया फाटक और बिमरौल नदी के पास जंक्शन स्थापित किए जाएंगे. इन जंक्शनों के ऊपर होने के कारण इसे उड़ता जंक्शन भी कहा जा रहा है.

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