स्वर्गीय माधवराव सिंधिया को ना भाजपा ने याद किया न कांग्रेस ने सुध ली

कटनी- 1971 से राजनीति में आने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व माधव राव सिंधिया ने पहला चुनाव भले ही जनसंघ से लड़ा था पर बाद में वे कांग्रेस के अपराजेय योद्धा रहे। रेल मंत्री रहते हुए एक रेल दुर्घटना की जिम्मेदारी खुद पर लेते हुए उन्होंने अपने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और मूल्यों तथा सिद्धांतो की राजनीति के महामानव स्व लाल बहादुर शास्त्री की मिसाल पेश की थी।

1984 के चुनाव में उन्होंने भाजपा के शिखर पुरुष अटल जी को पराजित किया था जबकि उनकी माताश्री विजया राजे सिंधिया खुद अटल जी का प्रचार कर रहीं थी। 1996 में जब नरसिंह राव जी ने उनकी टिकट काट दी तब विकास कांग्रेस नाम से नई पार्टी बना ली और तब भी जीते। 2001 में मैनपुरी में हुए विमान हादसे में वे जिंदगी से हार गए पर जीते जी वे अपराजेय ही रहे।

वही स्व माधवराव आज भुला दिए गए हैं। आज उनकी 20 वी पुण्यतिथि पर न तो कांग्रेस ने उनकी सुध ली न ही ज्योतिरादित्य सिंधिया वाली भाजपा ने उन्हें याद किया। चाका बाईपास चौराहे पर स्व माधवराव जी की प्रतिमा उनके प्रशंसको ने स्थापित तो करवा ली थी पर कभी उनकी जयंती अथवा पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित करने भी नहीं आते। कांग्रेसी शायद ज्योतिरादित्य की वजह से उन्हें भूल गए हैं और भाजपा के तो वो कभी थे ही नहीं

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More