पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग, 25 अक्टूबर 2021

नीरजपाराशर आचारय:
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*****|| जय श्री राधे ||*********
?? *महर्षि पाराशर पंचांग* ??
??? *अथ पंचांगम्* ???
*****ll जय श्री राधे ll*********
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*दिनाँक-: 25/10/2021,सोमवार*
पंचमी, कृष्ण पक्ष
कार्तिक
“”””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि————— पंचमी अहोरात्र तक
पक्ष————————— कृष्ण
नक्षत्र————मृगशिरा28:09:38
योग————– परिघ 24:35:06
करण———– कौलव 19:04:07
वार————————-सोमवार
माह————————-कार्तिक
चन्द्र राशि——– वृषभ14:35:44
चन्द्र राशि——————- मिथुन
सूर्य राशि——————– तुला
रितु————————— शरद
सायन————————-हेमन्त
आयन—————— दक्षिणायण
संवत्सर———————- प्लव
संवत्सर (उत्तर)——– आनंद
विक्रम संवत—————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक) —-2077
शाका संवत—————- 1943

वृन्दावन
सूर्योदय—————-06:26:20
सूर्यास्त————— 17:39:43
दिन काल—————11:13:22
रात्री काल————- 12:47:15
चंद्रास्त————— 10:25:34
चंद्रोदय—————- 20:51:52

लग्न—- तुला 7°40′ , 187°40′

सूर्य नक्षत्र——————–स्वाति
चन्द्र नक्षत्र——————मृगशिरा
नक्षत्र पाया——————–लोहा

*??? पद, चरण ???*

वे—- मृगशिरा 07:48:11

वो—- मृगशिरा 14:35:44

का—- मृगशिरा 21:22:57

की—- मृगशिरा 28:09:38

*??? ग्रह गोचर ???*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= तुला 06742 ‘ स्वाति , 1 रू
चन्द्र =वृषभ 24°23 ‘ मृगशिरा , 1 वे
बुध = कन्या 19°57 ‘ हस्त ‘ 3 ण
शुक्र= वृश्चिक 24°55, ज्येष्ठा ‘ 3 यी
मंगल=तुला 02°30 ‘ चित्रा ‘ 3 रा
गुरु=मकर 28°30 ‘ धनिष्ठा , 2 गी
शनि=मकर 12°43 ‘ श्रवण ‘ 1 खी
राहू=(व)वृषभ 09°02’ कृतिका , 4 ए
केतु=(व)वृश्चिक 09°02 अनुराधा , 2 नी

*???शुभा$शुभ मुहूर्त???*

राहू काल 07:51 – 09:15 अशुभ
यम घंटा 10:39 – 12:03 अशुभ
गुली काल 13:27 – 14:51 अशुभ
अभिजित 11:41 -12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 12:25 – 13:10 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:40 – 15:25 अशुभ

?चोघडिया, दिन
अमृत 06:26 – 07:51 शुभ
काल 07:51 – 09:15 अशुभ
शुभ 09:15 – 10:39 शुभ
रोग 10:39 – 12:03 अशुभ
उद्वेग 12:03 – 13:27 अशुभ
चर 13:27 – 14:51 शुभ
लाभ 14:51 – 16:16 शुभ
अमृत 16:16 – 17:40 शुभ

?चोघडिया, रात
चर 17:40 – 19:16 शुभ
रोग 19:16 – 20:52 अशुभ
काल 20:52 – 22:27 अशुभ
लाभ 22:27 – 24:03* शुभ
उद्वेग 24:03* – 25:39* अशुभ
शुभ 25:39* – 27:15* शुभ
अमृत 27:15* – 28:51* शुभ
चर 28:51* – 30:27* शुभ

?होरा, दिन
चन्द्र 06:26 – 07:22
शनि 07:22 – 08:19
बृहस्पति 08:19 – 09:15
मंगल 09:15 – 10:11
सूर्य 10:11 – 11:07
शुक्र 11:07 – 12:03
बुध 12:03 – 12:59
चन्द्र 12:59 – 13:55
शनि 13:55 – 14:51
बृहस्पति 14:51 – 15:47
मंगल 15:47 – 16:44
सूर्य 16:44 – 17:40

?होरा, रात
शुक्र 17:40 – 18:44
बुध 18:44 – 19:48
चन्द्र 19:48 – 20:52
शनि 20:52 – 21:55
बृहस्पति 21:55 – 22:59
मंगल 22:59 – 24:03
सूर्य 24:03* – 25:07
शुक्र 25:07* – 26:11
बुध 26:11* – 27:15
चन्द्र 27:15* – 28:19
शनि 28:19* – 29:23
बृहस्पति 29:23* – 30:27

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*?दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*? अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 5 + 2 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*? शिव वास एवं फल -:*

20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभारूढ़ = शुभ कारक

*?भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*?? विशेष जानकारी ??*

* सर्वार्थसिद्धि एवं अमृतसिद्धि योग 28:10 तक

*??? शुभ विचार ???*

अग्निरापः स्त्रियो मूर्खाः सर्पो राजकुलानि च ।
नित्यं यत्नेन सेव्यानि सद्यः प्राणहराणि षट् ।।
।।चा o नी o।।

हम इनके साथ बहुत सावधानी से पेश आये..
१. अग्नि
२. पानी
३. औरत
४. मुर्ख
५. साप
६. राज परिवार के सदस्य.
जब जब हम इनके संपर्क में आते है.
क्योकि ये हमें एक झटके में मौत तक पंहुचा सकते है.

*??? सुभाषितानि ???*

गीता -: राजविद्याराजगुह्ययोग अo-09

क्षिप्रं भवति धर्मात्मा शश्वच्छान्तिं निगच्छति ।,
कौन्तेय प्रतिजानीहि न मे भक्तः प्रणश्यति ॥,

वह शीघ्र ही धर्मात्मा हो जाता है और सदा रहने वाली परम शान्ति को प्राप्त होता है।, हे अर्जुन! तू निश्चयपूर्वक सत्य जान कि मेरा भक्त नष्ट नहीं होता॥,31

*?? दैनिक राशिफल ??*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?मेष
बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ के असवर हाथ आएंगे। यात्रा में सावधानी रखें। किसी पारिवारिक आनंदोत्सव में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। विवाद न करें। बेचैनी रहेगी।

?वृष
वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लाभ होगा। आशंका-कुशंका के चलते कार्य की गति धीमी रह सकती है। घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्‍य की चिंता रहेगी।

?मिथुन
जीवनसाथी से कहासुनी हो सकती है। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर होगी। करियर बनाने के अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। पारिवारिक सहयोग से कार्य में आसानी होगी। दूसरों के कार्य में दखल न दें। प्रमाद से बचें।

?कर्क
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। यात्रा में जल्दबाजी न करें, नुकसान संभव है। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। स्वास्थ्‍य पर बड़ा खर्च हो सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। आय में कमी रहेगी। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेचैनी रहेगी।

?सिंह
मित्रों की सहायता कर पाएंगे। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता रहेगी। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बनेगी। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। समय अनुकूल है। प्रसन्नता रहेगी।

?‍♀️कन्या
समाजसेवा में रुझान रहेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नई आर्थिक नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। पुरानी व्याधि से परेशानी हो सकती है। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। भाइयों का सहयोग मिलेगा। समय अनुकूल है। लाभ लें। प्रमाद न करें।

⚖️तुला
विवेक का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। कोई बड़ी बाधा से सामना हो सकता है। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। रुका हुआ धन मिल सकता है। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। किसी अपने के व्यवहार से दु:ख होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी का ध्यान खुद की तरफ खींच पाएंगे।

?वृश्चिक
प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट से कार्य में रुकावट होगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। लाभ में वृद्धि होगी। निवेश में जल्दबाजी न करें। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। जरूरी वस्तु गुम हो सकती है।

?धनु
दूर से अच्‍छी खबर प्राप्त हो सकती है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। कोई बड़ा काम करने की योजना बनेगी। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर में अतिथियों पर व्यय होगा। किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी।

?मकर
धन का नुकसान या कोई बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। पारिवारिक चिंताएं रहेंगी। मेहनत अधिक तथा लाभ कम होगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। मातहतों का सहयोग नहीं मिलेगा। कुसंगति से बचें, हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी। प्रमाद न करें।

?कुंभ
राजकीय अवरोध दूर होंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। धर्म-कर्म में मन लगेगा। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रभावशाली व्यक्तियों से परिचय होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।

?मीन
आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। लाभ होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में विशेषकर स्त्रियां सावधानी रखें। कार्यों की गति धीमी रहेगी। बु‍द्धि का प्रयोग करें। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। निराशा हावी रहेगी।

?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

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