सेक्स रैकेट चलाते हुए पकड़ी गई शिवसेना की नेता,समाजसेवी, पत्रकार,आरटीआई कार्यकर्ता , 5 लड़कियों सहित 10 लोग गिरफ्तार

सीहोर: सीहोर नगर पालिका से शिवसेना के लिए चुनाव लड़ चुकी महिला नेता के घर पुलिस ने बड़ा सेक्स रैकेट पकड़ा है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बस स्टैंड के पास एक मकान में लंबे समय से सैक्स रैकेट चलाया जा रहा था.बता दें कि कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनमें 4 लड़कियां, 3 लड़के, एक ड्राइवर, एक संचालिका और महिला मैनेजर शामिल है. यहां से कोतवाली पुलिस ने 28 हजार 710 रुपए की नगदी भी जब्त की है.जिस महिला के मकान में देह व्यापार कराया जा रहा था, वह शिवसेना से जुड़ी रही हैं और शिवसेना के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकी है.

चौंकाने वाली बात यह है कि रैकेट की सगरना एक ऐसी महिला निकली है, जो खुद को शिवसेना की नेता, समाजसेवी, पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ता और योगाचार्य बताती है। नाम है अनुपमा तिवारी।बता दें कि अनुपमा तिवारी ने साल 2015 में शिवसेना की टिकट पर नगर पालिकाध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा था, जिसमें हार मिली। इस चुनाव में इसकी जमानत तक जब्त हो गई थी जिसके बाद से वह पत्रकारिता आरटीआई लगाकर लोगों से संपर्क करती थी। इसे सीहोर के तत्कालीन अपर कलेक्टर द्वारा नेहरू युवा केंद्र के कार्यक्रम में योगाचार्य के रूप में सम्मानित भी किया जा चुका है।

बताया जाता है कि पुलिस को मुखबिरो से सूचना मिली थी कि सीहोर थाना क्षेत्र के बस स्टैंड के पीछे स्थित एक मकान में जिस्मफरोशी का व्यापार चल रहा है. जानकारी के अनुसार, प्रत्येक ग्राहक से 500 रुपए लेकर अनैतिक काम कराया जा रहा था. इस पर पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर यादव ने कार्रवाई की. मुखबिर की सूचना के आधार पर नगर पुलिस अधीक्षक अर्चना अहीर के नेतृत्व में थाना प्रभारी कोतवाली नलिन बुधौलिया और उनकी टीम ने मुखबिर की बताए मकान पर छापा मारा. छापे के दौरान घर से 5 महिलाएं और 5 पुरुषों समेत कुल 10 आरोपी हिरासत में लिए गए. पुलिस ने मौके से देह व्यापार से संबंधित सामान, पुराने गद्दे, मोबाइल, नगदी 28710 रुपए और दो कारें भी जप्त की. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ थाना कोतवाली सीहोर में अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है.

पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता बताती है

जिस्मफरोशी के आरोप में पकड़ी गई अनुपमा खुद को पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता बताते हैं सूत्र बताते हैं कि वह पत्रकार बता दो लोगों में ना केवल धौंस दिखाती थी उसने पत्रकारिता की आड़ में अधिकारियों के बीच पहुंच जिस्मफरोशी का भी व्यवसाय करती थी।
शराबबंदी के खिलाफ चलाती थी अभियान
अनुपमा तिवारी ने अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल में खुद को समाजसेवी और शिव सेना की महिला प्रदेश प्रमुख लिखे हुए है। मध्यप्रदेश शिवसेना गोजन कल्याण संघ की प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुकी है। शराबबंदी पर भी अभियान चलाती रहती है। सरगना साहित्य साधना मंच से जुड़ी है। खुद को पत्रकार भी बताती है।

योगाचार्य का भी करती थी काम

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिस महिला के घर में ये देह व्यापार चल रहा था, वह योगाचार्य है और उसे प्रशासनिक अधिकारियों से सम्मान भी मिल चुका है. फिलहाल पुलिस आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
समाजसेवी कब पहन रखा था चोला

सेक्स रैकेट के आरोप में पकड़ी गई महिला समाजसेवी बनकर लोगों से संपर्क करते हैं वह कई महिलाओं को साथ में लेकर स्लम बस्तियों की जीर्णोद्धार के लिए बड़े नेताओं से अधिकारियों से संपर्क करती थी। अधिकारियों को भरोसे में लेकर पहले उनसे मित्रता करती और फिर लड़कियों का ऑफर करती थी।

होशंगाबाद की रहने वाली है अनुपमा

पुलिस की शुरुआत जांच में सामने आया कि मूलरूप से होशंगाबाद की रहने वाली अनुपमा तिवारी के मकान पर रात को लड़कियां भोपाल के बैरागढ़ से बुलाई गई थी। प्रत्येक ग्राहक से पांच-पांच रुपए वसूल किए गए थे। अनुपमा के पति का साल 2018 में निधन हो गया। यह तीन माह पूर्व ही इंदौर से लौटी है।

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