कासगंज : पुलिस अभिरक्षा में हुई अल्ताफ की मौत से पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर बवाल

कासगंज-पुलिस थाने में हुई मौत पर अल्ताफ़ के परिवारवालों का आरोप है कि उनके बेटे ने थाने के शौचालय में नल से लटक कर आत्महत्या नहीं की, बल्कि अल्ताफ़ को प्रताड़ित किया गया. उसके बाद संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हुई. परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीट कर हत्या करने के आरोप लगाए हैं.

एक नाबालिग़ लड़की की गुमशुदगी के मामले में अल्ताफ़ को कासगंज थाने लाया गया था कासगंज  एसपी रोहन पी बोत्रे का कहना है कि पोस्टमार्टम में पाया गया है कि, “एस्फिक्सिया ड्यू टू एंटी मॉर्टम हैंगिंग” मौत का कारण है आसान भाषा में कहा जाए तो इसका मतलब मृत्यु के पहले फांसी लगने से दम घुटना है.

एसपी के अनुसार, “शव पर फांसी लगने के अलावा कोई इंजरी मार्क्स याने घाव के निशान भी नहीं हैं. यह दिखाता है कि उनके साथ किसी भी प्रकार की मार पिटाई और टॉर्चर नहीं हुआ है.” पुलिस अधीक्षक का तर्क अपनी जगह है, लेकिन फिर भी यह सवाल बरक़रार है कि दो फ़ीट की ऊंचाई वाले नलके की टोटी से भला कोई कैसे आत्महत्या कर सकता है?

इसके जवाब में एसपी का कहना है, “अल्ताफ़ का गला कटा हुआ है. गले में गहरा निशान है और विंड पाइप को इंजरी लगने में बहुत समय नहीं लगता है.”इस बीच लापरवाही बरतने के आरोप में थाने के एसएचओ और चार अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. मामले की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश भी दिए जा चुके हैं

बुधवार शाम एक और लेटर वायरल हुआ जिसमें यह बताया गया कि अल्ताफ़ के पिता चाँद मियां थाना कासगंज में एक गुमशुदगी के में मामले में अपने बेटे को छोड़ कर गए थे. चिट्टी में चाँद मिया का अंगूठा लगा हुआ है और उसमें लिखा है कि, “मेरे पुत्र अल्ताफ़ ने डिप्रेशन में आकर फांसी लगा ली. उसको पुलिस वाले उपचार के लिए अशोक नगर की सीएचसी में लेकर पहुँचे, जहाँ उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी.”इस चिट्ठी में पुलिस के बारे में कहा गया है कि, “मुझे पुलिस वालों से कोई शिकायत नहीं है

इसके बाद चांद मियां का एक और वायरल वीडियो जारी हुआ, जिसमें चाँद मियां कह रहे हैं, “मैंने ग़ुस्से में बोल दिया था मीडिया वालों को. जब मैंने डॉक्टरों से मालूमात की तो उन्होंने बताया कि आपके बच्चे ने फांसी लगा ली है. मेरे साथ पुलिस वाले ने उसका इलाज भी कराया और आख़िरकार नहीं बचा. उन्होंने मेरे साथ भी अच्छा बर्ताव किया. मैं कार्रवाई से संतुष्ट हूँ.”

यह वीडियो किसने जारी किया इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. लेकिन मीडिया ने जब चाँद मियां से इस वीडियो और पत्र के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि, मैं अनपढ़ आदमी हूँ. मुझे नहीं मालूम की काग़ज़ में क्या लिखा है क्या नहीं. मुझे साइन करने के लिए सीओ साहब ने कहा, मैंने साइन कर दिए. बच्चा मैंने सही सलामत पुलिस वालों को दिया था. तो मैं इन्साफ चाहता हूँ पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में मेरे बच्चे की मौत हुई है यह हत्या की गई है. मेरा बच्चा जा चुका है, मैं क्या करूँ. मुझे तो जैसा बोला गया मैंने वैसा कर दिया. मुझे कुछ नहीं पता.

कासगंज एसपी का कहना है कि, “यह चिट्ठी की बात सही है. मेरे पास वो चिट्ठी है. उन्होंने चिट्ठी में यह सब लिखा है और उन्होंने बाईट भी दिया है कि उन्होंने डॉक्टरों से बात की है और वो उस बात से संतुष्ट हैं कि मौत फांसी लगाने से हुई है, और मौत की कोई दूसरी वजह नहीं है.लोगों का कहना है कि परिवार के साथ सबसे ग़लत बात यह हुई कि तब उनको बच्चे का शव नहीं दिखाया गया.

और अब पोस्टमार्टम के बाद उन्हें बताया जा रहा है कि इस तरह की रिपोर्ट आयी हैं. तो कोई भी व्यक्ति इस रिपोर्ट पर विश्वास नहीं कर सकता. जब बच्चे को पूछताछ के लिए ले गए तो वो इस तरह की मानसिक स्थिति में नहीं था कि वो आत्महत्या कर ले. तस्वीर हम सब लोगों ने देखी है. कोई भी आदमी जिसमें थोड़ी भी सूझ-बूझ है, वो कैसे इस बात पर यक़ीन कर लेगा कि दो फ़ुट के नलके से एक डोरी से कोई आत्महत्या कर सकता है.

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