किसान नेताओं की घोषणा, जब तक संसद में वापस नहीं होंगे कानून तब तक नहीं हटेंगे किसान

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ आगरा

आगरा : किसानों के आगे आखिर केंद्र सरकार झुक गई है और तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा मोदी जी ने शुक्रवार सुबह कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष में राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए की। उन्होने किसानों से माफी मांगते हुए घर वापस लौटने की अपील की। आपको बता दें कि इन तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए लंबे समय से कई किसान संगठन विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कानून वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि हम किसानों के हित में यह तीनों कानून लेकर आए थे। पीएम ने कहा कि शायद हम कुछ किसानों को इसके बारे में समझाने में असफल रहे। पीएम मोदी ने कहा कि इस महीने के अंत से शुरू होने वाले संसद सत्र के दौरान तीनों कानूनों को सदन के जरिए वापस ले लिया जाएगा।

वहीं 11 महीने से लगातार बॉर्डर पर टिके हुए राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक संसद में कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक किसान डटे रहेंगे।

सरकार द्वारा कृषि कानून वापस लेने पर पूर्णतः संतुष्ट नहीं किसान नेता

वहीं भारतीय किसान यूनियन आगरा के जिला अध्यक्ष राजवीर लवानिया ने कृषि कानून वापसी को किसानों की जीत बताते हुए कहा, “भले ही सरकार ने कानून वापसी की घोषणा की है मगर भारतीय किसान यूनियन इससे पूर्ण रूप से सहमत नहीं है। आन्दोलन में भाग ले रहे 600 से अधिक किसानों ने शहादत दी है उन्हें सरकार शहीद का दर्जा देकर सम्मानित करे।

अभी खुशी मनाने का समय नहीं है। केंद्र सरकार ने चुनावी घोषणा के दौरान जो वादा किया था उसे पूरा करे। संकल्प पत्र में डीजल 35 रुपये प्रति लीटर, किसानों की फसल के लिए एमएसपी की घोषणा, किसानों की दोगुनी आय और पूर्णतः कर्जा माफ नहीं हो जाता तब तक किसान आन्दोलन करते रहेंगे।”

“तीनों कृषि कानून वापस लेने पर देश के माननीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी जी का हृदय से अभिनंदन करता हूं लेकिन किसान हित में मांग करता हूं कि 75 सालों की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसान जो कर्जदार है, उनका सम्पूर्ण कर्ज माफ करें व किसान आयोग की घोषणा कर दें।”- सतीश तोमर राष्ट्रीय सह आईटी प्रभारी बीकेयू भानु।

विष्णुकांत शर्मा वरिष्ठ संवाददाता आगरा

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More