राजस्थान में मंत्रिमंडल पुनर्गठन आज,कुछ नए नेताओं को मिल सकता है मंत्री बनने का मौका

राजस्थान – गहलोत सरकार के तीन मंत्रियों ने शुक्रवार शाम को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब तीनों मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा शामिल हैं।

बता दें कि कल ही तीनों मंत्रियों ने सोनिया गांधी को पत्र भेजकर इस्तीफे देने की पेशकश की थी। इन सभी मंत्रियों ने एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के चलते इस्तीफा दिया है। वहीं इन सबके बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री निवास पर अजय माकन और अशोक गहलोत की बैठक जारी है।सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कल शाम चार बजे राजस्थान मंत्रिमंडल का पुनर्गठन हो सकता है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुर के दौरे पर थे, लेकिन कांग्रेस आलाकमान के आदेश पर उन्होंने दौरा रद्द कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपने आवास पर आज शाम पांच बजे कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक बुला ली है। माना जा रहा है कि वे इसी बैठक में सभी मंत्रियों से इस्तीफा मांग सकते हैं। इसके बाद गहलोत मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया जाएगा।

दरअसल, राजस्थान में सचिन पायलट का खेमा इस वजह से ही नाराज है कि गहलोत कैबिनेट में उन्हें अहमियत नहीं दी जा रही है, लेकिन अब माना जा रहा है कि गहलोत के नए कैबिनेट में सचिन पायलट के खेमे के अलावा निर्दलीय और बसपा से आए विधायक भी शामिल होंगे और उन्हें मंत्री बनाया जा सक्ता है ।

राजस्थान में कल बड़ा सियासी घटनाक्रम देखने को मिला था। दरअसल, यहां तीन मंत्रियों  ने इस्तीफे का एलान कर दिया था। इसके बाद राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन जयपुर पहुंच गए, वे सीधे मुख्यमंत्री आवास पर गए और वहां देर रात तक सीएम के साथ उनकी बैठक होती रही। इन तीन मंत्रियों के इस्तीफे के बाद गहलोत कैबिनेट में 12 मंत्री पद खाली हो गए हैं।

सूचना आ रही है कि  गहलोत ने तीनों मंत्रियों के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। इस्तीफे के बाद गोविंद सिंह डोटासरा का बयान भी सामने आया है, उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के ‘एक पद एक व्यक्ति’ के सूत्र को ध्यान में रखते हुए हम लोगों ने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को दिया है। उन्होंने बताया कि सनिवार शाम पांच बजे कैबिनेट की बैठक होगी।

राजस्थान ब्यूरो सुरेश कुमावत की रिपोर्ट

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