उत्तर प्रदेश बसपा क्या डूबता जहाज हो चली है

उत्तरप्रदेश – बसपा में दिग्गज लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं। विधायक गुड्डू जमाली के भी किनारा कर लेने केबाद बसपा में केवल चार विधायक रह गए हैं। उधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को उमाशंकर सिंह को पार्टी का नेता विधानमंडल दल घोषित किया है।

चार बार सत्ता के शिखर तक पहुंची बसपा इस समय संकट से जूझ रही है। दरअसल उसके सिपहसालार लगातार पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में जा रहे हैं। उप्र विधानसभा चुनाव से ऐन पहले पार्टी में भगदड़ की स्थिति है। दस साल में ही पार्टी छोड़ने वाले महारथियों का सैकड़ा पार हो चुका है।

गत दिवस पार्टी आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर सीट के विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने भी त्यागपत्र दे दिया। गुड्डू पार्टी के विधानमंडल दल के नेता भी थे। उनके जाने के बाद पार्टी में बस चार विधायक ही रह गए हैं। श्याम सुंदर शर्मा , उमाशंकर सिंह, विनय शंकर तिवारी, आजाद अरिमर्दन ही फिलहाल पार्टी में  विधायक रह गए हैं।

इनमें से उमाशंकर सिंह को BSP मुखिया  मायावती ने नेता विधानमंडल घोषित किया है। बलिया के रसड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक उमाशंकर सिंह लगातार दो बार चुनाव जीते हैं। इनसे पहले पार्टी ने जिन दो विधायकों को नेता विधानमंडल बनाया, वे दोनों ही बसपा छोड़ गए।

2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा का प्रदर्शन खराब ही रहा था। कुल 19 सीटें बसपा ने जीतीं थी और इसमें भी एक सीट अंबेडकरनगर जिले के उपचुनाव में पार्टी हार गई थी। यानि पार्टी के पास विधायकों की संख्या 18 रह गई थी। पहले अलग-अलग समय पर पार्टी विरोधी गतिविधियों की बात कहकर 9 विधायकों को निलंबित किया गया।

उसके बाद लालजी वर्मा और राम अचल राजभर का निष्कासन हुआ और दोनों ने ही सपा ज्वाइन कर ली। एक और विधायक मुख्तार अंसारी को पार्टी भविष्य में चुनाव न लड़ाने का एलान कर चुकी है। उनकेभाई और भतीजे ने सपा का दामन थामा तो मायावती ने यह कदम उठाया। विधायक सुखदेव राजभर का निधन हो चुका है। ऐसे में बसपा के बसपा के पास बस चार विधायक ही रह गए हैं।

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