दम तोड़ रही शादी की डोर : शादी के 1 साल के भीतर 1000 से अधिक मामले आये परामर्श केंद्र

सात फेरों से सात जन्म तक साथ निभाने के वादे तेजी से टूट रहे हैं। मोहब्बत में खाई गई कसमें शादी के चंद दिनों बाद ही दम तोड़ रही है। परिवार परामर्श केंद्र में नव युगलों कसमें चंद दिनों में ही दम तोड़ रही है। केंद्र पर पूरे साल में दंपतियों के 1500 मामले केंद्र में पहुंचे हैं। इनमें से लगभग 1000 मामले ऐसे हैं जिनमें दंपतियों को दांपत्य सूत्र में एक महीने से लेकर एक साल हुआ है।

इनमें से लगभग 400 केस लव मैरिज के हैं।  इसकी मुख्य वजह शक, शारीरिक अक्षमता और ससुराल में सास, ननद से होने वाले झगड़े हैं। हालांकि काउंसिलिंग से आधे मामले निपटाए भी जा रहे हैं। केंद्र की काउंसलर प्रतिभा जिंदल बताती हैं कि कुछ परिवारों में ऐसे मामले भी देखे जा रहे हैं जिनमें शादी के पंद्रह दिन बाद ही युवती अपने घर चली गई।

23 से 28 के मामले सबसे ज्यादा: कमर सुल्ताना 

परिवार परामर्श केंद्र की प्रभारी कमर सुल्ताना बताती हैं कि उन दंपतियों में केस अधिक आ रहे हैं जिनकी उम्र 23 से 28 साल के बीच है। इनमें शक, शारीरिक अक्षमता की शिकायतें काफी अधिक रहती हैं। सुल्ताना बताती हैं कि इन मामलों को निपटाने में थोड़ा समय जरूर लगता है। इसके बाद पचास प्रतिशत मामलों में समझौता हो जाता है।

प्यार है तो धैर्य भी रखें

परिवार परामर्श केंद्र के काउंसलर डॉ. अमित गौड़ केंद्र में आ रहे नए जो़ड़ों को मोहब्बत में धैर्य रखने की सलाह देते हैं। डॉ. गौड़ का कहना है कि हम समझाते हैं कि जीवन भर साथ निभाने की कसमें को इतनी आसानी से नहीं टूटने दिया जाए। दंपतियों को मशविरा दिया जाता है कि एक-दूसरे से बात करें। गलतफहमियां दूर करें। काफी हदल तक समझ भी आ जाता है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More