किसान आंदोलन को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है।

दिल्ही संयुक्त किसान मोर्चा की शनिवार को अहम बैठक होगी। इसमें किसान आंदोलन को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है। किसान नेताओं की मानें तो एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर समिति गठन के लिए केंद्र सरकार को पांच नाम भेजे जाएं या नहीं-इस पर भी फैसला लिया जा सकता है। बैठक में लंबित मांगों पर चर्चा होगी। इनमें फसलों के एमएसपी पर कानूनी गारंटी, किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के लिए मुआवजा आदि मुद्दे शामिल हैं।

एसकेएम की कोर समिति के सदस्य दर्शनपाल ने बताया कि बैठक में लंबित मांगों पर चर्चा के साथ ही आंदोलन के भविष्‍य को लेकर बातचीत होगी।भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरूनाम सिंह चढ़ूनी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया। इसमें उन्होंने साफतौर पर कहा है कि कृषि कानून के बाद अब राज्य सरकारों को किसानों के खिलाफ दर्ज मामले खत्म करने होंगे। साथ ही MSP पर बात करनी होगी।

शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा देना होगा। इसके बाद ही किसानों का आंदोलन खत्म होगा। इससे पहले एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में चढ़ूनी ने यहां तक कह दिया था कि हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर किसान आंदोलन को खत्म ही नहीं करना चाहते हैं। वो किसानों के हितों की बात ही नहीं करते हैं।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया। उन्होंने लिखा है कि 4 दिसंबर की संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सभी किसान संगठन सर्वसम्मति से अहम फैसला लेंगे। सरकार टेबल पर आयेगी तो हम किसानों की शहादत से जुड़े सभी तथ्य सामने रखेंगे।

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