पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग-14/12/2021

नीरजपाराशर आचारय:
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**|| जय श्री राधे ||****
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
**ll जय श्री राधे ll****
??????????

दिनाँक-: 14/12/2021,मंगलवार
एकादशी, शुक्ल पक्ष
मार्गशीर्ष
“””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि——- एकादशी 23:35:09 तक
पक्ष———————– शुक्ल
नक्षत्र——- अश्विनी 28:39:05
योग———— परिघ 30:27:41
करण———–वणिज 10:30:15
करण——- विष्टि भद्र23:35:09
वार——————— मंगलवार
माह———————-मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि——————- मेष
सूर्य राशि—————- वृश्चिक
रितु———————— हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर———————– प्लव
संवत्सर (उत्तर)——— आनंद
विक्रम संवत—————–2078
विक्रम संवत (कर्तक)—- 2078
शाका संवत—————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————— 07:02:47
सूर्यास्त—————– 17:25:04
दिन काल————— 10:22:17
रात्री काल————– 13:38:20
चंद्रोदय—————- 14:24:05
चंद्रास्त——————-27:35:12

लग्न—- वृश्चिक 28°6′ , 238°6′

सूर्य नक्षत्र——————- ज्येष्ठा
चन्द्र नक्षत्र—————— अश्विनी
नक्षत्र पाया——————–ताम्र

??? पद, चरण ???

चु—- अश्विनी 08:40:33

चे—- अश्विनी 15:18:34

चो—- अश्विनी 21:58:07

ला—- अश्विनी 28:39:05

??? ग्रह गोचर ???

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृश्चिक 28:42 ‘ ज्येष्ठा , 4 यू
चन्द्र =मीन 02°23 ‘ अश्विनी , 1 चु
बुध = धनु 06°07 ‘ मूल ‘ 2 यो
शुक्र=मकर 01°55, उ oषा o ‘ 2 भो
मंगल=वृश्चिक 04°30 ‘अनुराधा ‘ 1 ना
गुरु=मकर 02°30 ‘ धनिष्ठा , 3 गु
शनि=मकर 14°43 ‘ श्रवण ‘ 2 खू
राहू=(व)वृषभ 06°20’ कृतिका , 4 ए
केतु=(व)वृश्चिक 06°20अनुराधा , 2 नी

राहू काल 14:50 – 16:07 अशुभ
यम घंटा 09:38 – 10:56 अशुभ
गुली काल 12:14 – 13:32 अशुभ
अभिजित 11:53 -12:35 शुभ
दूर मुहूर्त 09:07 – 09:49 अशुभ
दूर मुहूर्त 22:52 – 23:34 अशुभ

?गंड मूल 07:03 – 28:39* अशुभ

?चोघडिया, दिन
रोग 07:03 – 08:21 अशुभ
उद्वेग 08:21 – 09:38 अशुभ
चर 09:38 – 10:56 शुभ
लाभ 10:56 – 12:14 शुभ
अमृत 12:14 – 13:32 शुभ
काल 13:32 – 14:50 अशुभ
शुभ 14:50 – 16:07 शुभ
रोग 16:07 – 17:25 अशुभ

?चोघडिया, रात
काल 17:25 – 19:07 अशुभ
लाभ 19:07 – 20:50 शुभ
उद्वेग 20:50 – 22:32 अशुभ
शुभ 22:32 – 24:14* शुभ
अमृत 24:14* – 25:57* शुभ
चर 25:57* – 27:39* शुभ
रोग 27:39* – 29:21* अशुभ
काल 29:21* – 31:03* अशुभ

?होरा, दिन
मंगल 07:03 – 07:55
सूर्य 07:55 – 08:47
शुक्र 08:47 – 09:38
बुध 09:38 – 10:30
चन्द्र 10:30 – 11:22
शनि 11:22 – 12:14
बृहस्पति 12:14 – 13:06
मंगल 13:06 – 13:58
सूर्य 13:58 – 14:50
शुक्र 14:50 – 15:41
बुध 15:41 – 16:33
चन्द्र 16:33 – 17:25

?होरा, रात
शनि 17:25 – 18:33
बृहस्पति 18:33 – 19:41
मंगल 19:41 – 20:50
सूर्य 20:50 – 21:58
शुक्र 21:58 – 23:06
बुध 23:06 – 24:14
चन्द्र 24:14* – 25:22
शनि 25:22* – 26:31
बृहस्पति 26:31* – 27:39
मंगल 27:39* – 28:47
सूर्य 28:47* – 29:55
शुक्र 29:55* – 31:03

?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??

वृश्चिक > 05:00 से 07:18 तक
धनु > 07:18 से 09:20 तक
मकर > 09:20 से 11:03 तक
कुम्भ > 11:03 से 12:32 तक
मीन > 12:32 से 13:58 तक
मेष > 13:58 से 16:34 तक
वृषभ > 16:34 से 17:46 तक
मिथुन > 17:46 से 19:44 तक
कर्क > 19:44 से 22:04 तक
सिंह > 22:04 से 00:16 तक
कन्या > 00:16 से 02:39 तक
तुला > 02:39 से 04:56 तक

?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

?दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

11 + 3 + 1 = 15 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

? शिव वास एवं फल -:

11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक ,दुःख कारक

?भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

प्रातः 10:34 से रात्रि 23:35

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

?? विशेष जानकारी ??

* मोक्षदा एकादशी व्रत (सर्वेषां)

* गीता जयन्ती

*सर्वार्थसिद्धि एवं अमृतसिध्दि योग 23:35 तक

*ऊर्जा संरक्षण दिवस

* वीर दुर्गादास पुण्यतिथि

??? शुभ विचार ???

स्वयं कर्म करोत्यत्मा स्वयं तत्फलमश्नुते ।
स्वयं भ्रमति संसारे स्वयं तस्माद्विमुच्यते ।।
।।चा o नी o।।

जीवात्मा अपने कर्म के मार्ग से जाता है. और जो भी भले बुरे परिणाम कर्मो के आते है उन्हंं भोगता है. अपने ही कर्मो से वह संसार में बंधता है और अपने ही कर्मो से बन्धनों से छूटता है.

??? सुभाषितानि ???

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

न तु मां शक्यसे द्रष्टमनेनैव स्वचक्षुषा ।,
दिव्यं ददामि ते चक्षुः पश्य मे योगमैश्वरम्‌ ॥,

परन्तु मुझको तू इन अपने प्राकृत नेत्रों द्वारा देखने में निःसंदेह समर्थ नहीं है, इसी से मैं तुझे दिव्य अर्थात अलौकिक चक्षु देता हूँ, इससे तू मेरी ईश्वरीय योग शक्ति को देख॥,8॥

?? दैनिक राशिफल ??

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?मेष
धनार्जन होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।

?वृष
संतान के कार्यों पर नजर रखें। पूंजी निवेश बढ़ेगा। प्रचार-प्रसार से दूर रहें। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से सहयोग मिलेगा।

?मिथुन
जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी।

?कर्क
भौतिक विकास के कार्यों को बल मिलेगा। फालतू खर्च होगा। भागीदारी के प्रस्ताव आएंगे। दिनचर्या नियमित रहेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम न लें। झंझटों में न पड़ें। आय में कमी होगी।

?सिंह
प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।

?‍♀️कन्या
मान बढ़ेगा। मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।

⚖️तुला
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। क्रोध पर नियंत्रण रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है।

?वृश्चिक
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएँ संभालकर रखें।

?धनु
उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

?मकर
धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी।

?कुंभ
समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी।

?मीन
रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें। नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी।

?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

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