महाबोधि मंदिर 2018 धमाका : तीन अपराधियों को उम्र कैद और पांच अन्य को 10 साल कैद की सजा

बिहार के बोध गया में स्थित महाबोधि मंदिर में 2018 में हुए धमाकों के मामले में पटना की विशेष एनआईए अदालत ने शुक्रवार को दोषियों को सजा सुना दी। विशेष अदालत ने तीन लोगों को उम्र कैद और पांच अन्य को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। आठों दोषी आतंकवादी संगठन जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी के सदस्य हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एएनआई) के अनुसार जिन लोगों को इस मामले में दोषी करार दिया गया है उनके नाम पैगंबर शेख, अहमद अली, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख, दिलवर हुसैन, अब्दुल करीम, मुस्तफिजुर रहमान और आरिफ हुसैन हैं। यह मामला महाबोधि मंदिर के अंदर और मंदिर परिसर के आस-पास तीन आईईडी लगाने का है।

दलाई लामा और राज्यपाल की यात्रा के दौरान रची थी साजिश

पहला आईईडी कालचक्र मैदान के पांच नंबर गेट पर मिला था जिसमें इसे निष्क्रिय करते समय धमाका हो गया था। इसके अलावा एक जिंदा आईईडी महाबोधि मंदिर के गेट नंबर चार पर एक श्रीलंका के मठ की सीढ़ियों के पास मिला था। आतंकवादियों ने यह नापाक साजिश दलाई लामा व बिहार के राज्यपाल की मंदिर यात्रा के दौरान रची थी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में सितंबर 2018 में आरोपपत्र दाखिल किया था और जनवरी 2012 में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। विशेष अदालत ने इस मामले में बीती 10 दिसंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। एनआईए की ओर से इस घटना को लेकर तीन फरवरी 2018 को मामला दर्ज किया गया था।

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