झांसी रेलवे स्टेशन का नाम अब होगा वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन

झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन कर दिया गया है। गृह मंत्रालय के प्रस्ताव पर बुधवार को प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने जारी अधिसूचना में बताया कि अब झांसी रेलवे स्टेशन का नया नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन होगा।रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि रेल मंत्रालय का आदेश मिलते ही अब मंडल रेल प्रशासन नाम बदलने की विभागीय प्रक्रिया शुरू कर देगा।

इसके तहत स्टेशन कोड भी बदला जाएगा। झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव तीन महीने पहले गृह मंत्रालय के पास भेजा गया था। अगले कुछ दिनों बाद झांसी नाम इतिहास बन जाएगा। इससे पहले प्रदेश की योगी सरकार ने तीन प्रमुख स्टेशन इलाहाबाद को प्रयागराज, मुगलसराय को दीनदयाल उपाध्याय नगर और फैजाबाद को अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम दे चुकी है।

स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई से लेकर आजादी तक का गवाह झांसी रेलवे स्टेशन एक जनवरी को अपने 133 साल पूरे कर लेगा। इसका उद्घाटन एक जनवरी वर्ष 1889 को हुआ था। ग्रेट इंडियन पेनिनसुलर रेलवे ने इसको स्थापित किया था। शुरुआत में भाप के इंजन से इक्का-दुक्का ट्रेनें ही चलती थीं, आज यह स्टेशन देश के प्रमुख स्टेशनों में शुमार है। यहां से प्रतिदिन 250 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। इनमें शताब्दी एक्सप्रेस, गतिमान और राजधानी एक्सप्रेस जैसी वीआईपी ट्रेनें भी शामिल हैं।

मिलिट्री सिविल प्रशासन ने जुलाई 1886 में इस स्थान का अंतिम रूप से चयन कर भूमि अधिग्रहण की थी। सबसे पहले अप और डाउन पैसेंजर प्लेटफॉर्म, एक प्रतीक्षालय, पहूंज बांध, अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवास का निर्माण हुआ। इसके बाद झांसी स्टेशन का उद्घाटन एक जनवरी 1889 को हुआ। इंडियन मिडलैंड रेलवे, जिसका मुख्यालय झांसी था। इसके द्वारा झांसी से कानपुर, ग्वालियर तक लाइन डलवाई गई।

सन् 1878 से 1881 के मध्य में ग्वालियर आगरा खंड का निर्माण सिंधिया स्टेट ने किया। साल 1885 में आगरा-मथुरा रेलखंड, 1889 में झांसी-मऊरानीपुर, मऊरानीपुर-बांदा, बांदा-मानिकपुर खंड का निर्माण कार्य इंडियन मिडलैंड रेलवे ने किया। झांसी रेल मंडल का विस्तार पहले तुगलकाबाद से इटारसी तक था। इसी के एक हिस्से को लेकर 1985 में भोपाल मंडल बनाया गया। आज पूरे देश को उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक जोड़ने की वजह से झांसी एक महत्वपूर्ण स्टेशन बन चुका है।

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