कोई ठंड से डरे ना कोई ठंड से मरे ना,क़यामत के दिन जिन चीज़ों का सवाल होगा

कानपुर, स्थानीय सीपीसी माल गोदाम के सामने रोटरी क्लब कानपुर एलीट की अगुवाई में कानपुर के रोटरी क्लबों द्वारा जरूरतमंदों को गर्म कपड़ों का वितरण व चाय इत्यादि का वितरण रोटरी क्लब आर्यन रोटरी क्लब इंस्ट शौर्यशिखर क्लब गौरव हेरिटेज त्रिमूर्ति विनाक के0द्वारा सीएनआई एस आई फाउंडेशन के सहयोग से किया गया ताकि कोई भी गरीब बच्चे महिला व्यक्ति ठंड से ना डरे ठंड से ना मरे
इस अवसर पर रो सचिन दिक्षित एडवोकेट रो अंकुर गोयल चार्टर्ड अकाउंटेंट रो सुरेश जयसवाल दीपू भाई सहित क्षेत्र के तमाम प्रबुद्ध नागरिक गण उपस्थित रहे हो अनुराग पांडे अध्यक्ष व सचिव व प्रीति बग्गा के नेतृत्व में रो अश्वनी दीक्षित ने शिविर का संचालन किया!

क़यामत के दिन जिन चीज़ों का सवाल होगा

कानपुर :- क़यामत के दिन जिन चीज़ों का सवाल होगा उनमें एक है कि माल कहां से कमाया और कहां खर्च किया? हर गुज़रता हुआ वक़्त हमको यह एहसास दिला रहा है कि तुम्हारी जिंदगी धीरे-धीरे कम होती जा रही है। हमें चाहिए कि हम अब भी वक़्त को ग़नीमत जानकर फिक्र कर लें और ग़रीबों व ज़रूरतमंदों पर खर्च करके अपनी आखिरत के लिये नेकी का सामान कर लें।

इन विचारों को जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने जामा मस्जिद अशरफाबाद में जुमा की नमाज़ के बाद ज़रूरतमंदों में रज़ाई वितरित करते हुए व्यक्त किया।

इस अवसर पर मौलाना ने कहा कि अल्लाह ने जो हमें ज़िंदगी दी है उसका एक-एक लम्हा बहुत क़ीमती है, इस जिंदगी में हमें अपनी आखिरत की तैयारी करना है कि किस तरह हम अल्लाह की रज़ा हासिल कर सकते हैं और अल्लाह की रज़ा को हासिल करने का सबसे बेहतरीन ज़रिया अल्लाह के बन्दों की मदद है।

No one is afraid of cold, no one dies of cold, the things that will be questioned on the Day of Judgment

मौलाना ने बतलाया कि जमीअत उलमा शहर कानपुर के अध्यक्ष डा. हलीमुल्लाह खां की सरपरस्ती में मौलाना मुबीनुल हक़ चौक(पुरानी चुंगी) जाजमऊ, बकरमण्डी, अजीतगंज बाबूपुरवा समेत अन्य जगहों पर सैंकड़ों लिहाफ व कम्बल तकसीम किये जा चुके हैं और अब भी यह सिलसिला जारी है। इस अवसर पर जमीअत उलमा शहर कानपुर के कार्यकारिणी सदस्य मौलाना फरीदुद्दीन क़ासमी, क़ारी बद्रूज्ज़मां कुरैशी, क़ारी मुहम्मद हुज़ैफा नक़्शबंदी, मौलवी मुहम्मद वासिफ महमूदी, मुहम्मद तौसीफ, मुहम्मद साद के अलावा अन्य लोग मौजूद थे।

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