ओलावृष्टि से फसलें हुई बर्बाद, किसान आत्महत्या करने को मजबूर

किसान की ये चीखें आपके रोंगटे खड़े कर देगी। इस किसान ने 20 हजार की उधारी लेकर मटर की खेती की थी, लेकिन, शनिवार को हुई ओलावृष्टि ने इसकी फसल को मार दिया। कहा जाता है कि किसान के लिए उसकी फसल उसके बच्चे की तरह होती है, शायद इसीलिए इस किसान का दर्द भी इतना गहरा, जो किसी के दिल को भी पसीज देगा। किसान की 12 बीघा मटर की फसल तैयार थी। उधारी लेकर उगाई गई फसल की बर्बादी को किसान बर्दाशत नहीं कर पाया और ऐसे रो पड़ा जैसे उसके किसी अपने की मौत हो गई हो।

अब हम क्या करेंगे

किसान राम नरेश का कहना है कि हमारे पास 12 बीघा मटर थी। इस ओले से हमारी फसल का तो नाश हो गया। हम बर्बाद हो चुके हैं। पट्टे पर खेती की थी, अब उसके पैसे कहां से देंगे। हमारे पास तो घर भी नहीं है। हम तो मर गए हैं। हमारे परिवार वाले अब क्या करेंगे? हमने 20 हजार रुपए उधारी लेकर फसल लगाई थी। अब हम उधारी कैसे उतारेंगे। पता नहीं अब हम कहां जाएंगे?विभाग बता रहा है कम नुकसान

एटा में भयंकर ओलावृष्टि और बारिश के चलते किसानों की हजारों बीघा फसल नष्ट हो गई। जिन फसलों को ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है, उनमें सरसों, मटर, मसूर और गेहूं की फसलें शामिल हैं। ओला वृष्टि का असर एटा के अवागढ़ ब्लॉक क्षेत्र और जलेसर ब्लॉक क्षेत्र में अधिक हुआ है। किसान जहां बड़े स्तर पर नुकसान की बात कह रहे हैं। वहीं, कृषि विभाग 5 से 10 फीसदी नुकसान की बात कर रहा है।

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