लगातार हो रहे इस्तीफा से बैकफुट पर आई बीजेपी, वर्तमान विधायकों के नहीं कटेगी टिकट

यूपी में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए एड़ी की चोटी जोर लगा रही है। ऐसे में बीजेपी से 14 विधायक और मंत्रियों के सपा में शामिल होने से पूरी तरह से बीजेपी बैकफुट पर आती दिखाई दे रही है। वहीं, अब किसी भी विधायक का टिकट नहीं कटेगा। इसके साथ ही अन्य बीते विधानसभा चुनाव में हारे प्रत्याशियों की भी टिकट रिपीट होगी। प्रदेश स्तर से प्रत्याशियों के नाम फाइलन करके लिस्ट भाजपा की केंद्रीय चुनाव कमेटी को भेज दिया गया है। जल्द ही प्रत्याशियों की फाइनल लिस्ट जारी होगी।

अब हारे हुए प्रत्याशियों का भी BJP रिपीट करेगी टिकट

भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश स्तर के साथ ही केंद्रीय स्तर की टीमों से सभी विधानसभा का एक गोपनीय सर्वे कराया था। इसमें कई विधायकों का फीडबैक बहुत खराब मिला था। सर्वे के मुताबिक उनका हारना तय था। इसके चलते कानपुर के पांच विधानसभा और प्रदेश में करीब 125 सिटिंग एमएलए का टिकट काटने का फैसला लिया गया था।

इसी बीच भाजपा के इस सर्वे से असंतुष्ट व टिकट काटने के डर से भाजपा नेता और मंत्री सपा में शामिल हो गए। इससे प्रदेश से लेकर केंद्र तक पूरी भारतीय जनता पार्टी हिल गई। आनन-फानन में अब फैसला लिया गया है कि किसी विधायक का टिकट नहीं काटा जाएगा। बल्कि हारे हुए प्रत्याशियों का भी टिकट दोबारा किया जा रहा है। इससे भाजपा के नेताओं ने राहत की सांस ली है।

बिल्हौर के भाजपा विधायक भगवती सागर के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद सीट खाली हो गई है। संगठन अब बिल्हौर सीट पर जिताऊ प्रत्याशी की तलाश में लगा है। बिल्हौर सुरक्षित सीट पर अब सपा से भगवती सागर और बसपा ने मधु गौतम को टिकट दिया है। भाजपा भी कोई जिताऊ दलित चेहरे की तलाश में हैं। एक दर्जन से ज्यादा नाम सामने आए हैं, लेकिन कोई नेता बड़े कद का नहीं है।

कैंट से छात्र नेता के टिकट की थी चर्चा

कैंट विधानसभा से कानपुर के एक युवा छात्र नेता का नाम पैनल में भेजा गया था। इतना ही नहीं टिकट भी प्रदेश स्तर पर फाइनल हो गई थी। लेकिन इसी बीच भाजपा में भगदड़ मचने से टिकट रिपीट करने का आदेश छात्र नेता पर भारी पड़ गया।

अब माना जा रहा है कि पुराने प्रत्याशी रघुनंदन भदौरिया को दोबारा टिकट दी जाएगी। छात्र नेता दिल्ली के नेताओं से मिलकर जीत का दावा करके अपनी टिकट कराने के प्रयास में लगे हैं। लेकिन भाजपा की नई गाइड लाइन के मुताबिक टिकट बदलना मुश्किल हो रहा है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More