रेलवे अधिकारी के घर में पड़ी छापेमारी, पांच गिरफ्तार और मिले करोड़ों रुपए कैश व सोना

पश्चिम बंगाल। रिश्वत लेकर निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल स्थित भारतीय रेलवे के संस्थान चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स में तैनात प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक रवि शेखर सिन्हा समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके ठिकानों पर छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपए की नगदी एवं सोना बरामद हुआ है. रवि शेखर सिन्हा भारतीय रेलवे का (आई आर एस एस) 1986 बैच का वरिष्ठ अधिकारी है. सीबीआई ने गिरफ्तार लोगों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है.

सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उन्हें प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक रवि शेखर सिन्हा के अलावा निजी कंपनी ई सी ब्लेड एंड टूल्स प्राइवेट लिमिटेड चंडीगढ़ के निदेशक सोनू अरोड़ा और रंजन गुप्ता उन्हीं की कंपनी में काम करने वाला प्रवीण व्यास पवन कुमार सिंह और विनोद कुमार शामिल हैं. इसके अलावा मामले की जांच में अन्य अज्ञात सरकारी अधिकारियों एवं निजी व्यक्तियों के नाम भी शामिल किए गए.
सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक यह निजी कंपनी रेलवे के सरकारी ठेके लेती रही है और इसी क्रम में यह लोग सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर ठेका लेने बिलों को पारित कराने आदि में उनसे अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश कर रहे थे. यह भी आरोप है कि इस निजी कंपनी के निदेशकों ने बातचीत करने और रिश्वत आदि देने के लिए अपनी कंपनी से संबंधित तीन लोगों की नियुक्ति की जो वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात के लिए अपनी साजिश में शामिल करते थे कि जो भी अवैध काम उनसे कराया जाएगा उसके बदले उन्हें अच्छी खासी रकम मुहैया कराई जाएगी.
इसी क्रम के तहत इस कंपनी में अपने एक अनुबंध की ऑर्डर मात्रा बढ़ाने के लिए साजिश की इस साजिश में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल थे. आरोप है कि अनुबंध की आर्डर मात्रा बढ़ाने के लिए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को लगभग 2 करोड रुपए की रिश्वत देने को कहा गया. आरोप के मुताबिक रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने निजी कंपनी की यह मांग पूरी कर दी और उसके बदले उनसे रिश्वत देने को कहा. सूचना के आधार पर सीबीआई ने इस मामले में जाल बिछाया और रिश्वत ले रहे सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया इसके साथ ही रिश्वत देने वाली कंपनी के निदेशक और उनके कर्मचारियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. सीबीआई के मुताबिक इस गिरफ्तारी के बाद इन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई. यह छापेमारी कुल 17 जगहों पर की गई. सीबीआई के मुताबिक की छापेमारी दिल्ली, पंचकूला, चंडीगढ़, वाराणसी और चितरंजन में अलग-अलग जगहों पर की गई. छापेमारी के दौरान प्रिंसिपल सीएमएम के परिसर से जो दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव हैदराबाद, पटना, रांची में था. सोना और नकदी बरामद हुआ. देर शाम तक चली छापेमारी के दौरान 1 करोड़ 52 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी व सोना बरामद किया गया था.
सीबीआई ने निजी कंपनी के गिरफ्तार दोनों डायरेक्टरों को चंडीगढ़ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया जहां से उन्हें पूछताछ के लिए 3 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया है. इसके अलावा गिरफ्तार अन्य आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया जहां से उन्हें चंडीगढ़ लाने के लिए ट्रांजिट रिमांड दिया गया है. सीबीआई जानना चाहती है कि रिश्वतखोरी के मामले में रेलवे के और कौन-कौन से बड़े अधिकारी शामिल हैं. मामले की जांच जारी है.

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