CAA विरोध की भरपाई के लिए जारी किये गए 274 प्रदर्शनकारियों के नोटिस योगी सरकार ने लिए वापस

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) कानून के विरोध में हुई सभी कार्रवाई और भरपाई के लिए जारी 274 नोटिस योगी सरकार ने वापस ले ली है। इस बात की जानकारी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों से वसूली गई संपत्ति उन्हें वापस कर दी जानी चाहिए और यह भी कहा कि अगर उन्होंने कथित नुकसान के लिए संबंधित अधिकारियों को पैसे का भुगतान किया है, तो भी उन्हें वापस किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘जब नोटिस वापस ले लिए गए हैं तो तय प्रक्रिया का पालन हो। यदि कुर्की कानून के खिलाफ हुई है और आदेश भी ले लिया गया है तो कुर्की की कार्रवाई नहीं चल सकती है। हालांकि 31 अगस्त 2020 को बने नए कानून उत्तर प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली अधिनियम के तहत कार्रवाई की आजादी है’।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद की यह दलील मानने से भी इंकार कर दिया कि वसूल राशि के रिफंड की बजाय प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार को इसके लिए ट्रिब्यूनल में जाने को कहा जाना चाहिए।
परवेज की याचिका पर सुनवाई
अदालत ने यह आदेश याचिकाकर्ता परवेज आरिफ टीटू की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस तरह के नोटिस मनमाने तरीके से भेजे गए हैं। जिनकी 6 साल पहले 94 साल की उम्र में मौत हो चुकी है, उन्हें भी नोटिस दिया गया है। जबकि 90 साल से अधिक उम्र के दो लोगों समेत कई अन्य को भी नोटिस भेजा गया।

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