कोरोना वैक्सीन ‘कोवोवैक्स’ का वयस्कों में होना चाहिए परिक्षण !

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ 

संवाददाता 

भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की विशेषज्ञों की एक कमेटी ने सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन कोवोवैक्स के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को वयस्कों में बूस्टर डोज के रूप में करने की अनुमति देने की सिफारिश की है। रविवार को आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 28 दिसंबर को वयस्कों के लिए आपात स्थिति में सीमित उपयोग के लिए कोवोवैक्स को मंजूरी दी थी। इसे अभी देश के टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाना है।

एसआईआई में सरकारी और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने डीसीजीआई को 21 फरवरी को आवेदन देकर 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के लिए कोवोवैक्स के लिए ईयूए मांगी थी।

सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति ने शुक्रवार को एसआईआई के आवेदन पर विचार-विमर्श किया और कोवोवैक्स को ईयूए देने की सिफारिश की। ईयूए के आवेदन में सिंह ने कहा कि 12 से 17 साल के करीब 2,700 बच्चों पर किए गए दो अध्ययन के आंकड़े दिखाते हैं कि कोवोवैक्स बहुत प्रभावी, प्रतिरक्षा जनक और सुरक्षित है।

सिंह के हवाले से एक सूत्र ने कहा कि यह मंजूरी न केवल हमारे देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए लाभकारी होगी और दुनिया के लिए भारत में उत्पादन करने की हमारे प्रधानमंत्री की सोच को साकार करेगी। हमारे सीईओ अदार सी पूनावाला के विचारों के अनुरूप हमें विश्वास है कि कोवोवैक्स हमारे देश और दुनिया के बच्चों को कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और दुनिया में हमारे तिरंगा को ऊंचा रखेगा।

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