मुख्यमंत्री के गुरु अवैद्यनाथ ने अजय सिंह बिष्ट को बनाया योगी आदित्यनाथ

2017 मे पहली बार बने यूपी के मुख्यमंत्री और दूसरी बार मुख्यमंत्री बन रचा इतिहास 26 साल की उम्र में योगी गोरखपुर सीट से पहली बार बने सांसद

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ 

संवाददाता ए के दुबे

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से लोकसभा सांसद योगी आदित्यनाथ भारतीय राजनीती में कट्टर हिंदुत्व की पहंचान के रूप मे विख्यात है। योगी आदित्यनाथ सबसे पहले 1998 में गोरखपुर से सांसद चुने गए थे उस समय उनकी उम्र मात्र 26 वर्ष की थी और लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद थे।
योगी यूपी बीजेपी के बड़े चेहरे माने जाते है योगी आदित्यनाथ 2014 में पांचवी बार लोकसभा सांसद बने योगी के गुरु अवैद्यनाथ ने सन 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और उन्को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। यही से योगी की राजनीतिक पारी शुरू हुई।
उनका मानना है कि सन्यासी को देश, धर्म और राजनीती में जरूर हिस्सा लेना चाहिए। योगी का कथन है “एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला” उनके इस कथन से ही उनके शशक्त चरित्र का आभास होता है।

योगी के बचपन का नाम अजय सिंह था इनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले के पंच गांव में हुआ था इनके पिता का नाम नंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है योगी ने 1989 में ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से 12वीं पास की और 1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की पढ़ाई पूरी की छात्र जीवन में ही वो राममंदिर आंदोलन से जुड़ गए थे।

आदित्यनाथ ने 22 वर्ष की अवस्था में सांसारिक जीवन त्यागकर संन्यास ग्रहण कर लिया और गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के सानिध्य में रहने लगे और महंत अवैद्यनाथ की निर्वाण के बाद आप गोरखनाथ मंदिर के गोरक्षपीठाधीश्वर चुने गए।
योगी आदित्यनाथ हिंदू युवा वाहिनी केसंस्थापक भी है हिंदू युवा वाहिनी संगठन हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है।

गोरखपुर से महंत अवैद्यनाथ चार बार सांसद रहे। उसी सीट से योगी 1998 में 26 वर्ष की उम्र में लोकसभा पहुंचे और फिर लगातार 2017 तक पांच बार सांसद रहे। 2017 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला।

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मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने फैसलों से अपनी राजनीतिक इच्छा को जाहिर कर दिया। हालांकि प्रदेश में हुए एनकाउंटरों के कारण विपक्ष ने उंगलियां भी उठाईं, लेकिन कानून-व्यवस्था पर सख्त योगी पर इसका खास प्रभाव नहीं हुआ। कोरोना संकट में सीएम योगी सीधे तौर पर सक्रिय नजर आए है। जिससे उनकी लोकप्रियता में और भी इजाफा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं। जिन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है। योगी लगातार तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री भी है जो एमएलसी रहते हुए मुख्यमंत्री बने। उत्तर प्रदेश के इतिहास में यूपी के मुख्यमंत्री की सूची में वह तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री है जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है।

तीन दशक से ज्यादा समय बाद ऐसा होगा यदि ऐसा होता है तो वह राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री होंगे, जो चुनाव के बाद दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाएंगे। इससे पहले सिर्फ चार मुख्यमंत्री 1957 में संपूर्णानंद, 1962 में चंद्रभानु गुप्ता, 1974 में हेमवती नंदन बहुगुणा और 1985 में नारायण दत्त तिवारी ही चुनाव के बाद सत्ता में वापसी कर पाए थे।

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