खंड विकास अधिकारियों की मिलीभगत से मनरेगा में लाखों का भ्रष्टाचार

सुल्तानपुर मामला सुल्तानपुर के विकासखंड धनपतगंज के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों का है जहाँ सरकार की विकास नीतियों पर विकासखंड धनपतगंज के अधिकारी फलिता लगा रहे हैं जहां लाखों का मनरेगा भ्रष्टाचार ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी की मिलीभगत से जारी है मनरेगा भ्रष्टाचार का खेल विकासखंड धनपतगंज की लगभग सभी ग्राम सभाओं में है और इस भ्रष्टाचार की पूरी जानकारी खंड विकास अधिकारी धनपतगंज संदीप सिंह को है बल्कि यह कहा जाय कि संदीप सिंह के संरक्षण में ही मनरेगा में वित्तीय अनियमितता बरती जा रही है खण्ड विकास अधिकारी संदीप सिंह ना तो नियंत्रण करने का उपाय करते हैं

बल्कि ग्राम पंचायतों से मिलने वाला कमीशन मनरेगा भ्रष्टाचार को और अधिक बढ़ा देता है मनरेगा में हो रहे भ्रष्टाचार को समझने के लिए हमने कुछ ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों का दौरा किया जिस में सरैया न्याय पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभाओं मे वित्तीय वर्ष 2021 -2022 मैं हुए मनरेगा कार्य का अवलोकन किया गया तो पाया सरैया न्याय पंचायत की लगभग सभी ग्राम सभाओं में मनरेगा जॉब कार्ड में वित्तीय अनियमितता है आज भी सैकड़ों मजदूरों का मनरेगा जॉब कार्ड तक नहीं बनाया गया और जिन का मनरेगा जॉब कार्ड बना है उन्होंने कभी भी मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी नहीं की है लेकिन मनरेगा मजदूरी कार्यों में उनकी उपस्थिति दर्ज है

जिसका भुगतान उन्हें बैंक खातों में कर दिया गया है मनरेगा के अंतर्गत बिना मजदूरी किये ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी की मिलीभगत से लाखों रुपए मनरेगा मजदूरो के फर्जी जॉब कार्ड खातों के बैंक खातों में हस्तांतरित हुआ है जिसमें अधिकतर महिलाएं हैं जो ग्राम सभा के प्रतिष्ठित परिवारों की बहू बेटियों या फिर ग्राम प्रधानो के समर्थक यही नहीं मनरेगा कार्य के अंतर्गत जहां 5 से 10 मजदूर लगाए गए हैं उसी कार्य में ग्राम प्रधान ग्राम विकास अधिकारी ने 50 से 60 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज करा कर खुलेआम लाखों का भ्रष्टाचार किया है

ग्राम सभा बरासिन और ग्राम सभा केवटली मे वित्तीय वर्ष 2021 -2022 मे सैकड़ों फर्जी जॉब कार्ड के बैंक खातों में मनरेगा मजदूरी भेजी गई है जिसमें कुछ लोग तो वो है जो दिल्ली मुंबई और महाराष्ट्र में कुछ महिलाएं ऐसी हैं जब कभी घर के परदे से बाहर निकली ही नहीं कुछ बड़े काश्तकार व व्यवसायी के नाम भी मनरेगा जॉब कार्ड ना केवल बना है बल्कि बिना मनरेगा में मजदूरी के हजारों रुपए खाते में हस्तांतरित हुए मनरेगा भ्रष्टाचार का खेल ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान से लेकर जेई और एडीओ पंचायत तक सभी की मिलीभगत से भ्रष्टाचार संभव होता है

और इस भ्रष्टाचार का कमीशन सभी अधिकारियों ग्राम प्रधान मिलकर आपस में बांट लेते हैं सरैया न्याय पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा बरासिन ब्राहिमपुर सरैया रामनगर केवटली मे बंधा पटाई नाला सफाई कच्ची रोड पटाई के नाम पर विकासखंड अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों रुपए का भुगतान कर दिया गया सरैया पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभाओं में मनरेगा भ्रष्टाचार ने सभी हदें पार कर दी हैं जब कभी भी खंड विकास अधिकारी से मनरेगा में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत की गई तो 60 और 40 का अनुपात बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं क्योंकि ग्राम प्रधान ग्राम विकास अधिकारी और जेई की मिलीभगत से जो स्टीमेट बनाया जाता है

उसका अनुपातिक लाभ बहुत अधिक होता है जिससे ग्राम प्रधान से लेकर खंड विकास अधिकारी तक ग्राम विकास धन राशि का बंदरबांट करते हैं मनरेगा भ्रष्टाचार के अलावा सरैया न्याय पंचायत की ग्राम सभा ब्राहिमपुर बरासिन केवटली मे लाखों की वित्तीय अनियमितता हुई है सभी वित्तीय अनियमितताओं के पीछे ग्राम विकास अधिकारी धर्मेंद्र यादव और खंड विकास अधिकारी संदीप सिंह की अहम भूमिका है

मनरेगा में हो रहे इस भ्रष्टाचार का संज्ञान लेकर मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स और डीपीआर सुल्तानपुर को मनरेगा भ्रष्टाचार की जांच करनी चाहिए जिससे मनरेगा मजदूरी के अंतर्गत रोजगार मिल सके और मनरेगा में हो रही वित्तीय अनियमितता को रोका जा सके
सुल्तानपुर से मनरेगा भ्रष्टाचार पर रिपोर्ट

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