कोटेदार ग्राम सभा केवटली द्वारा गरीबों के राशन में हो रही हेरा फेरी

होली के त्योहार पर नही मिला रिफाइंड चना

सुल्तानपुर मामला विकास खण्ड धनपतगंज की ग्राम सभा केवटली का है जहाँ ग्राम सभा केवटली के वर्तमान ग्राम प्रधान के भाई कोटेदार गोपेशचन्द्र यादव के नाम से राशन कोटा संचालित किया जाता है ग्राम प्रधान की राजनीतिक और प्रशासनिक भ्रस्टाचार और साठ गांठ के चलते गरीबो को होली पर सरकार की तरफ से मिलने वाला चना रिफाइंड तेल नहीं वितरित किया गया कोटेदार और कोटेदार के भाई ग्राम प्रधान राजेश यादव से जब गरीब परिवार के कुछ लोगों ने पूछा कि आखिर चना और रिफाइंड क्यों नहीं दिया जा रहा

तो कोटेदार गोपेश चंद्र यादव उनके भाई वर्तमान प्रधान ग्राम सभा केवटली राजेश चंद्र यादव गरीब परिवारों पर भड़क गए भीड़ में राशन की लाइन में लगे लोगों से कहा कि गेंहू चावल लेते हो तो लो वरना भाग जाओ यहां से आखिर ग्राम प्रधान और कोटेदार पर प्रधानी और कोटेदारी का नशा ऐसा छाया है कि उन्हें ना तो गरीबों की परवाह है और ना ही सरकार एवं प्रशासनिक अधिकारी का डर एक बात समझ से परे है कि एक ही परिवार में कोटेदारी और प्रधानी दोनों सूत्र बताते हैं कि कोटेदार गोपेश चंद्र यादव बस नाम के ही कोटेदार है कोटेदारी पर पूरा नियंत्रण ग्राम प्रधान एवं उनके परिवार का है होली से पहले सरकार ने सभी कोटेदारों को निर्देश दिया था कि गरीबों को गेहूं चावल के अलावा चना और रिफाइंड भी मुफ्त दिया जाए

लेकिन इसे कोटेदार और ग्राम प्रधान की दबंगई ना कहें तो और क्या कहें वर्तमान ग्राम प्रधान राजेश यादव एवं उनके परिवार की दबंगई ही है सैकड़ों गरीब परिवारों को सरकार द्वारा दी जाने वाली मदद को कोटेदार वर्तमान ग्राम प्रधान के अलावा कुछ प्रशासनिक अधिकारी मिल बांट कर खा रहे हैं गाँव के ही श्यामसुख निषाद श्रीपाल हरिजन अशोक कुमार निषाद आदि गाँव वालों को यह कहकर वापस लौटा दिया गया कि रिफाइंड चना नही है

नमक लेना हो तो लो नही तो जाओ, खबर सोशल मीडिया मे वायरल हुई तो ग्राम प्रधान और कोटेदार ने कुछ लोगों को पैसे रुपए देकर संतुष्ट किया आखिर इतनी दबंगई क्यों क्या कोटेदार और ग्राम प्रधान चना और रिफाइंड अपने घर से दें रहे हैं ग्राम सभा केवटली के कोटेदार ना केवल गरोबो का चना और रिफाइंड हजम कर जा रहे हैं पर बल्कि कई कुंतल अनाज रात के अंधेरे में बेच दिया जाता है अब देखना यह है कि कोटेदार इस लूट पर सरकारी प्रशासनिक विभाग क्या कार्यवाही करता है या फिर कोटेदार ग्राम प्रधान की मनमानी जारी रहती है

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