बिहार- शरद यादव की पार्टी क्या हुआ लालू यादव की पार्टी में विलय

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ 

संवाददाता 

नई दिल्ली: आज का दिन बिहार की राजनीति के लिहाज से बेहद खास है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने आज अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का विलय राष्ट्रीय लोकदल में कर दिया है। आधिकारिक तौर पर इसको लेकर बयान जारी करते हुए लोकतांत्रिक जनता पार्टी के मुखिया शरद यादव ने कहा कि हमारी पार्टी का आरजेडी में विलय, विपक्ष की एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए भारत के विपक्ष को एकजुट होना ही पड़ेगा।

साथ ही शरद यादव ने कहा कि ये विलय व्यापक एकता के लिए पहला कदम है। इसमें हमने अपनी पहल कर दी है, पूरे देश के विपक्ष के एक होने के बाद ही (बीजेपी को) हरा सकते हैं। बिहार का आने वाला भविष्य तेजस्वी यादव है। साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारी प्राथमिकता पार्टियों का एककीकरण ही है, जब सब एकजुट हो जाएंगे तो सोचेंगे कि विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा।

इस बीच खबरें आ रही है कि शरद यादव को लालू यादव की पार्टी राज्यसभा भेज सकती है। दरअसल इस साल जुलाई में बिहार में राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं, जिसमें दो सीटें बीजेपी, एक सीट जीडेयू और दो सीटें आरजेडी के पास जाएगी। जानकारी के मुताबिक कि तेजस्वी ने शरद यादव को राज्यसभा भेजने का आश्वासन भी दिया है।

शरद यादव ने 16 मार्च को ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि वह लालू के साथ अपनी पार्टी का विलय कर देंगे। उन्होंने ट्वीट करके लिखा था, देश में मजबूत विपक्ष स्थापित करना समय की मांग है।मैं इस दिशा में न केवल बिखरी हुई तत्कालीन जनता दल बल्कि अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा हूं और इसीलिए अपनी पार्टी एलजेडी का राजद में विलय करने का फैसला किया।

 

आपको बता दें कि नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक मनमुटाव के चलते शरद यादव ने 2018 में जनता दल यूनाईटेड  से अलग होकर लोकतांत्रिक जनता दल नाम से अपनी अलग राजनीतिक पार्टी का गठन कर लिया था। उस समय शरद यादव के साथ अली अनवर सहित कई बड़े नेताओं ने जेडीयू छोड़ दी थी। इसके बाद शरद यादव साल 2019 लोकसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर मधेपुरा से चुनाव भी लड़े, लेकिन उन्हें जेडीयू के दिनेश्वर यादव से हार का सामना करना पड़ा था।

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